दो साल पहले बाढ़ से टूटी सड़क जस की तस

Update: 2023-07-04 08:27 GMT

मोतिहारी न्यूज़: बीते वर्ष आयी बाढ़ से जर्जर हुयी सड़कों का आज भी हाल बेहाल है.सड़क मोटरेबल नहीं हाने से इस साल बाढ़ आने पर फिर सुगौली वासियों को आवागमन के संकट से गुजरना पड़ सकता है. दो साल पहले बाढ़ से टूटी सड़क जस की तस है. किसी भी ध्वस्त सड़क की मरम्मत नहीं करायी गई है.

जनता चौक से शीतलपुर रेल ढाला तक बाढ़ से टूटी सड़क निर्माण सौ दिन चले ढाई कोस को चरितार्थ कर रहा है. शीतलपुर ढाला से बुच्चा होते हुए बंजरिया प्रखण्ड की सीमा पड़कुइया गांव तक करीब दस किलोमीटर के बीच के दर्जनों गांवों का मुख्य रास्ता अब बचा ही नहीं है. इससे भी बुरा हाल सपहां के विशुनदेव सहनी के घर से लक्ष्मीपुर के प्रभु राय के घर तक करीब एक किलोमीटर सड़क बाढ़ में गायब हो गयी थी. शीतलपुर ढाला से करमवा रघुनाथपुर पथ में महुआनी के समीप मुख्य मार्ग पर करीब सवा करोड़ रुपये से बना पुल वर्ष 20 में ही ध्वस्त हो गया. पर आजतक उसपर किसी सरकारी अधिकारियों की नजर नहीं पड़ी. नकरदेई से मोतिहारी मुख्य पथ में बरनहिया पुल के दक्षिणी छोर पर पुल ध्वस्त हो गया. जिससे चारपहिया वाहनों का आना जाना बाधित हो गया है. जिससे रामगढ़वा से मोतिहारी आने जाने का एकमात्र मुख्य मार्ग पर पुल टूट जाने से अब करीब बीस किमी की दूरी अतिरिक्त तय करना पड़ रही है. मुसवा मठ से लेकर लक्ष्मीपुर गांव तक का भी करीब चार किलोमीटर सड़क का निर्माण बाढ़ में ध्वस्त होने के बाद नहीं हुआ. भेड़िहारी पीएचसी से लेकर खोड़ा तक का तीन किलोमीटर का मुख्य पथ पर हिचकोले खाते बाइक व साइकिल की यात्रा करनी पड़ती है. नकरदेई चौक से बरवा गांव जाने का भी रास्ता नहीं बचा है. इस बाबत सीओ धर्मेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि बाढ़ के बाद टूटी सड़कों का रिपोर्ट संबंधित विभाग को भेज दी गयी थी.

Tags:    

Similar News

-->