सात मुहानों की सफाई नहीं होने से बढ़ा बाढ़ का खतरा

Update: 2023-07-27 05:58 GMT

गोपालगंज न्यूज़: गंडक नदी पर डुमरिया घाट में बने पुराने पुल के बंद मुहानों की अब तक सफाई नहीं होने से गंडक में उफान आने पर जिले में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. जिला प्रशासन व जल संसाधन विभाग के निर्देश के बाद भी एनएचआई की ओर से सफाई नहीं करायी गई है. गाद व बालू भरने से डुमरिया घाट पुल के 13 में से 07 मुहानों से गंडक के पानी का बहाव नहीं हो पा रहा है.

इस वजह से 768 मीटर चौड़ी नदी मात्र 300 मीटर में ही बह रही है. पानी के बहाव में रूकावट से सिधवलिया, बरौली व मांझा प्रखंडों में सारण बांध व राजस्व छरकियों पर पानी का दबाव बनने की आशंका है. हालांकि इस वर्ष अभी गंडक में उतना पानी नहीं है. अगर वाल्मीकिनगर बराज से चार लाख घनसेक या इससे ज्यादा पानी छूटता है तो तटबंध पर खतरा मंडर सकता है.

किनारे बसे गांवों के लोगों का कहना है कि छरकी व बांध से पानी का दबाव कम करने के लिए विभाग ने वहां एक नया पायलट चैनल का निर्माण तो कराया है. लेकिन, चैनल के उपयोगी होने का पता बाढ़ आने पर चलेगा. 10 साल पहले भी मुहाना साफ करने के लिए एक पायलट चैनल का निर्माण थोड़ी दूर आगे चंपारण के इलाके में कराया गया था. जो कारगर साबित नहीं हुआ. जलसंसाधन विभाग के इंजीनियरों ने भी इसको लेकर चिंता जताई है. अधिकारियों का कहना है कि नदी पर बन रहे नए पुल के एनओसी में मुहाना सफाई करने का जिक्र किया गया था. इस आधार पर कई बार संवेदक व एनएचआई के अधिकारियों का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराया गया. लेकिन , बंद मुहाना सफाई को लेकर अब तक कोई कदम नही उठाया गया है. जबकि बंद मुहानों की सफाई कराना जरूरी है.

गौरतलब है कि गंडक नदी पर पुल 1974 में बनाया गया था. यह पुल पूर्वोत्तर भारत को उत्तर बिहार व नेपाल से जोड़ता है. पुराना पुल जर्जर हो गया है. 186 करोड़ की लागत से 04 महीनों से नदी पर नया पुल बन रहा है.

जल संसाधन मंत्री भी किया था निरीक्षण हाल ही में सूबे के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी पुल के बंद मुहानों का मुआयना किया था. उन्होंने वहीं इस संबंध में एनएचआई के अधिकारी से बात की थी व इसकी सफाई की आवश्यकता जताई थी. लेकिन,एनएचआई के अधिकारियों ने आवश्यक कदम अब तक नहीं उठाया गया है. इससे अधिकारियों में नाराजगी व्याप्त है.

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