आदापुर में नदियों का जाल फिर भी खेतों में पड़ी दरारें

Update: 2023-08-03 07:25 GMT

मोतिहारी न्यूज़: डेस्क जिले के आदापुर प्रखंड में नदियों का जाल है. फिर भी यहां पानी के लिए खेत तरस रहे हैं. नेपाल के पहाड़ी इलाके सेनिकल कर भारतीय क्षेत्र में ये नदियां दिन रात बहती रहती थीं. अब खेत की सिंचाई को छोड़ दें तो, पशु पक्षी भी प्यास बुझाने को तरस रहे हैं. आदापुर प्रखंड से बंगरी, पसाह, कड़ियां,तियर,मरधड़,दुधौरा सहित आधे दर्जन छोटी -बड़ी से अधिक नदियां बहती हैं. लेकिन आज सभी सूख चुकी है.

नदियों से सिंचित होती थी दो हजार एकड़ से अधिक भूमि ये नदियां खेती के लिए वरदान साबित होती थी. लेकिन आज इसमें पानी नहीं होने से क्षेत्र में खरीफ फसल की अस्सी प्रतिशत बुआई नहीं हुई है. इन नदियों में पानी नहीं होने से किसानों के सामने सिंचाई का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. जिससे करीब दो हजार एकड़ में धान, मक्का सहित अन्य फसल की सिंचाई पर ग्रहण लग गया है. पानी के अभाव में खेतों में हरियाली की जगह धूल उड़ रहे हैं. उक्त नदियों की पानी से 17 पंचायतों के किसान खेती करते थे. इस क्षेत्र में खेती किसानी पर लोगों की आजीविका निर्भर है. लेकिन पानी बिना खेत भी सुना है. आदापुर ब्लॉक का कुल भौगोलिक क्षेत्र 15 हजार 234 हेक्टेयर है. जहां कुल कृषि योग्य भूमि 13 हजार 224 हेक्टेयर है.

कहते हैं किसान किसान मुख्तार मियां भकुरहिया निवासी ने बताया कि बंगरी नदीमें बांध लगाने से हरपुर,उच्चीडीह,चिकनी,वरवा,कचोरवा,पखही,चिलझपटी,नायक टोला,मुशहरवा, नकरदेई, गांव का सैकड़ों एकड़ भूमि की सिंचाई होती थी . सीमावर्ती क्षेत्र होने से नेपाल के गंडक नहर केपानी से सिंचाई होती थी . लेकिन वहां भी बारिश नहीं हुई है जिससे पानी का टोटा है. कोरैया पंचायत की सरपंच शिला देवी व ग्रामीण श्रीकांत यादव ने बताया कि घोड़ासहन कैनाल में पानी से चालीस प्रतिशत खेती हुई है.

कहते हैं मुखिया मुरतिया पंचायत के मुखिया कलमा खातून बताते हैं कि बारिश नहीं हुई तो हजारों एकड़ जमीन में न तो धान की रोपनी होगी और न अन्य फसल की बुआई होगी.

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