पहला अर्घ्य देकर घाट पर मर गई मां, मौत से पहले कह रही थी- 'अबकी बेरी घाटे हमार सोनवा न अइलें हे छठी मईया'
लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2021) उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. इस बीच बगहा से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आपकी आखें जरूर नम हों जाएंगी.
जनता से रिश्ता। लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा (Chhath Puja 2021) उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही संपन्न हो गया. इस बीच बगहा से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसे सुनकर आपकी आखें जरूर नम हों जाएंगी. बगहा में एक छठ व्रती महिला ने अपने बेटे के गम में घाट पर ही दम तोड़ दिया. मरने से पहले महिला ने कई बार अपने बेटे को याद किया और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के तुरंत बाद वो चल बसी.
भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देते हुए महिला ने बेटे के गम में बस इतना ही कहा कि "अबकी बार हमार सोनवा घटे ना आईले हे छठ मैया" और यह कहते हुए बेहोश हो गई. इसके बाद अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मौत हो गई. मृतका की पहचान रामपुर पंचायत स्थित मलाही टोला निवासी बंशीनाथ शाह की पत्नी सीता देवी के रूप में हुई है.
सीता देवी अपने परिवार वालों के साथ घर से कुछ ही दूर पर स्थित मलाही टोला घाट पर छठ करने के लिए गईं थी. ग्रामीणों ने बताया कि जैसे ही महिला घाट पर पहुंची छठ पूजा शुरू हुई. उसी समय महिला अपने पुत्र को याद कर चीख मारकर रोने लगी और उनकी सांस फूलने लगी. छठ कमेटी के लोग महिला को उठाकर अस्पताल ले गए. लेकिन महिला की रास्ते में ही मौत हो गई.
बताया जाता है कि व्रती महिला के बेटे की मौत 5 माह पहले ट्रेन से कटकर हो गई थी. तभी से महिला को बेटे का गम सता रहा था. इस बीच छठ पूजा के दौरान बुधवार की शाम अर्घ्य देने से पहले छठ घाट पर महिला ने बेटे को याद किया और फिर उसकी तबियत बिगड़ गई.
मृतका के बड़े पुत्र अनिरुद्ध साह ने बताया कि वो तीन भाई हैं. उनका सबसे छोटा भाई सुनील बाहर रोजगार की तलाश में जा रहा था. इसी दौरान उत्तर प्रदेश के सिसवा स्टेशन पर ट्रेन से गिर गया जिससे उसकी मौत हो गई. घटना को 5 महीने बीत चुके हैं. दीपावली के दिन से ही मां बार-बार सुनील को याद कर रो रही थी और उसका नाम लेकर रो पड़ती थी.
परिजनों ने बताया कि सुनील छठ पूजा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेता था. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है और पूरे गांव में इस घटना की चर्चा है.