बिक्रमगंज। बिक्रमगंज प्रखंड का नोनहर गांव को 11 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आगमन की प्रतीक्षा है। नोनहर गांव निःसंदेह एक विकसित गांव की पहचान रखता है। शायद यही कारण भी होगा मुख्यमंत्री के समाधान यात्रा के लिए प्रशासन को चयन करने में आसानी हुई होगी। जिला के विभिन्न विभागों की टीम दिन रात एक करके नोनहर की तस्वीर बदलने में जुटी है। मुख्यमंत्री के आगमन से इस गांव की तस्वीर में निखार और अधिक आएगी। लेकिन तकदीर बदलने की कवायद हो तो ग्रामीणों को अधिक लाभ होगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि 7 वर्ष पूर्व बने इस गांव के उच्च माध्यमिक विद्यालय और उच्चतर विद्यालय में अब तक शिक्षक की बात तो दूर एक लिपिक भी नहीं है। जबकि यहां बच्चे नामांकित हैं और प्रतिवर्ष बोर्ड की परीक्षा में शामिल होते हैं और रिजल्ट भी आता है। मध्य विद्यालय के ही एक शिक्षक यहां प्रतिदिन जाकर कार्यालीय कार्य करते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर आनन फानन में उच्चतर विद्यालय बिक्रमगंज से माध्यमिक के लिए 11 और उच्च माध्यमिक यानी इंटर के लिए 8 शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गई है वह भी सिर्फ 22 फरवरी यानी मैट्रिक और इंटर की परीक्षा तक के लिए।
परीक्षा सम्पन्न होते ही या यूं कहें कि मुख्यमंत्री के जाने के साथ ही यह माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय अपनी पुरानी तस्वीर में दिखेगी। वही मध्य विद्यालय के शिक्षक यहां के छात्रों के तकदीर संवारेंगे। मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारी में जुटी प्रशासन की टीम की उपस्थिति ने गांव की रौनक बढ़ा दी है। कहीं पार्क का निर्माण तो कहीं पेंटिग – पोचारा, गांव में जगह जगह सोखता, अमृत सरोवर के कार्य पूरी करने की कवायद, तलाब के किनारे सोलिंग, हेलीपैड निर्माण, जर्जर बिजली तार को बदलना, केबल तार लगाना, सामुदायिक भवन की चहारदीवारी, स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन का जीर्णोद्धार, पार्क व जिम का निर्माण क्या क्या नहीं हो रहा है। जेसीबी से लेकर तार बदलने की मशीन के साथ कई सरकारी चमचमाती प्रशासन की गाड़ियां सैकड़ों विभिन्न विभाग के कर्मी अधिकारी की यहां तैनाती दिख रही है। सभी को अपने अपने कार्यों की जिम्मेदारी सौपी गयी है। संभावित सभास्थल के समीप धोबीघाट स्थान पर पार्क और जिम का निर्माण तेजी के साथ युद्ध स्तर पर हो रहा है। गांव में भी खुशी का माहौल है। पंचायत भवन के छत पर यहां तैनात अधिकारियों और कर्मियों के लिए मेष चल रहा है। अब यहां सरकार के आगमन की प्रतीक्षा यहां के लोगों की है। इस मार्ग से आने जाने वाले लोग बस यहां की सजावट को निहारते हुए यही कहते होंगे कि काश एक दिन मोरे गांव भी मुख्यमंत्री जी पधारते।