बिहार को केंद्र सरकार ने दिए तोहफे, खुलेंगे नए सैनिक स्कूल, इसी साल शुरू होगी पढ़ाई

रक्षा मंत्रालय ने निजी स्कूलों के साथ सहभागिता में 21 सैनिक स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी है। ये स्कूल मई 2022 से शुरू होंगे।

Update: 2022-03-27 03:04 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रक्षा मंत्रालय ने निजी स्कूलों के साथ सहभागिता में 21 सैनिक स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी है। ये स्कूल मई 2022 से शुरू होंगे। बिहार के समस्तीपुर, यूपी, उत्तराखंड व हरियाणा में एक-एक नए स्कूलों को मंजूरी दी गई है। सरकार ने बजट भाषण में निजी भागीदारी में कुल सौ सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान किया था। रोसड़ा के बटहा गांव स्थित सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर जल्द ही सैनिक स्कूल के रूप में तब्दील होगा।

केंद्र सरकार ने इसे सैनिक स्कूल के रूप में बदलने का निर्णय लिया है। इसकी जानकारी मिलते ही रोसड़ा अनुमंडल के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी है। रोसड़ा के लोग इसे अपने लिए केंद्र सरकार का तोहफा मान रहे हैं। 12 एकड़ के विशाल भूखंड में फैले सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर की स्थापना 1998 में बटहा निवासी स्वर्गीय डॉ. रामस्वरूप महतो ने की थी।
डॉ. महतो इंग्लैंड में चिकित्सक थे, लेकिन विदेश में रहने के बावजूद अपनी मिट्टी से काफी लगाव रखते थे। इसी कारण उन्होंने अपनी सारी कमाई एक ऐसे विद्यालय की स्थापना में लगा दी, जो सूबे में अपनी एक अलग पहचान बना सके। आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित होने के कारण स्कूल की स्थापना के लिए उन्होंने आरएसएस संचालित विद्या भारती के पदाधिकारियों से सलाह मशविरा के बाद इस विद्यालय की स्थापना की।
स्थापना के बाद यह विद्यालय लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा। स्कूल का कैंपस 12 एकड़ में फैला है। इस विशाल भूखंड में विद्यालय का विशाल भवन, आलीशान ऑडिटोरियम व छात्र-छात्राओं का रम्य छात्रावास भी है। प्रयोगशाला और पुस्तकालय भी है। पेड़-पौधों व फूलों से आच्छादित विद्यालय का विशाल परिसर प्रकृति के अनुपम छंटा बिखेरती नजर आती है। विद्यालय में फिलहाल करीब 1250 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। वहीं 40 शिक्षक व 75 शिक्षकेत्तर कर्मी सेवारत हैं। विद्यालय को सीबीएसई बोर्ड से प्लस टू तक की मान्यता मिली हुई है।
शानदार रही हैं विद्यालय की उपलब्धियां
सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर अपने स्थापना काल से ही प्रगति के पथ पर अग्रसर रहा है। विद्यालय की शिक्षा व्यवस्था व शिक्षकों की विद्वता व कर्मठता के बदौलत छात्र-छात्राओं का मैट्रिक व इंटर की परीक्षा परिणाम में बेहतर प्रदर्शन रहा है। इस विद्यालय से इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले छात्र-छात्राओं ने जेईई व नीट आदि प्रतियोगी परीक्षा में भी बेहतर प्रदर्शन कर ऊंचा मुकाम हासिल किया है। यहां के कई छात्र इसरो में साइंटिस्ट हैं तो कई विदेशों में अपना परचम लहरा रहे हैं। इसी विद्यालय का छात्र त्रिपुरारि मुंबई में रहकर ना केवल युवा शायर बल्कि गीतकार और कवि के रूप में भी अपनी पहचान बनाई है। दिल्ली व महाराष्ट्र के स्कूल के पाठ्यक्रम में उसकी रचना भी शामिल है। विद्यालय बेहतर शिक्षा व कुशल अनुशासन के लिए इस क्षेत्र में चर्चित है।
स्कूल का ट्रस्ट और विद्या भारती करती है संचालन
इस स्कूल का संचालन स्कूल का रामकृष्ण एजुकेशन ट्रस्ट और विद्या भारती बिहार की समिति करती है। विद्या भारती के पदाधिकारी समिति के सचिव और ट्रस्ट के सदस्य अध्यक्ष होते हैं। वर्तमान में विनोद कुमार इस समिति के अध्यक्ष हैं। समिति में 11 सदस्य शामिल हैं।
बटहा के सुंदरी देवी सरस्वती विद्या मंदिर के अध्यक्ष विनोद कुमार ने कहा, 'डॉ. रामस्वरूप महतो का सपना साकार हुआ है। उन्होंने पिछड़े इलाके में शिक्षा के प्रसार व बेहतर शिक्षा के उद्देश्य से स्कूल की स्थापना की थी उसमें स्कूल को सफलता मिली है।'
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