बिहार में शिक्षक संघ और अभ्यर्थी एक बार फिर शिक्षक भर्ती नियमावली के विरोध में आ गए
बिहार में शिक्षक संघ और अभ्यर्थी एक बार फिर शिक्षक भर्ती नियमावली के विरोध में आ गए हैं. इन लोगों ने आंदोलन तक की चेतावनी दे दी है. इस बार इनके विरोध की वजह बना नीतीश कैबिनेट की मीटिंग में लिया गया एक निर्णय. इसके अनुसार बिहार में अब दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी शिक्षक बन सकेंगे. वहीं, अब शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन पर शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का बयान सामने आया है और उन्होंने इस संशोधन की बड़ी वजह बताई है.
ये संशोधन देश के लिए है- शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री ने मंगलवार को कहा कि देश के विभिन्न राज्यों के जो टैलेंटेड छात्र हैं, बेरोजगार हैं वो इसमें भाग लेंगे. हम लोगों के लिए एक समस्या सामने है कि मैथ, केमिस्ट्री, फिजिक्स और अंग्रेजी में ऐसे अभ्यर्थी नहीं मिल पाते हैं और सीट खाली रह जाती है. इसके लिए यह किया गया है. बेहतर शिक्षण कार्य हो सकेगा. साइंस और अंग्रेजी की समस्या थी, इसलिए किया गया है. शिक्षा मंत्री से जब पूछा गया कि इस निर्णय का विरोध शुरू हो गया है, इस पर उन्होंने कहा कि हर बात का विरोध होता है. हम क्या कर सकते हैं.
शिक्षक नियमावली में बार-बार बदलाव क्यों?
नीतीश कैबिनेट की बैठक में शिक्षक नियमावली 2023 में संशोधन.
शिक्षक नियुक्ति, ट्रांसफर, अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर संशोधन.
बिहार के स्थायी निवासी होने की अनिवार्यता को किया गया खत्म.
दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी भी बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा में ले सकेंगे हिस्सा.
शिक्षक नियमावली में पहले बिहार का निवासी होने की थी अनिवार्यता.
नई शिक्षक नियमावली को लेकर पहले से हो रहा है विरोध-प्रदर्शन.
नई नियमावली में संशोधन के बाद बढ़ सकती है अभ्यर्थियों की नाराजगी.
बिहार में BPSC के जरिए परीक्षा देकर होनी है शिक्षकों की बहाली.
शिक्षक भर्ती नियमावली
वहीं, शिक्षक भर्ती नियमावली में संशोधन का विरोध देखने को मिल रहा है. शिक्षक संघ का कहना है कि बिहार के अभ्यर्थियों के लिए हकमारी का काम किया गया है. इसके विरोध में छात्र संघ सड़क पर उतरेगा और विरोध करने का काम करेगा.