पटना: एक बार फिर से बिहार के पूर्व सीएम सह बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बिहार की नीतीश सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने बिहार के शिक्षा विभाग पर राज्यपाल को अपमानित करने का आरोप लगाया है. सुशील मोदी ने कहा कि दलित राज्यपाल का लगातार बिहार का शिक्षा विभाग अपमान कर रहा है. 15 साल जदयू के लोग विभागीय मंत्री रहे, बदहाली के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा है कि सीएम नीतीश कुमार ये बताएं कि IAS केके पाठक कब तक फजीहत करायेंगे ? सुशील कुमार मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग के अवर मुख्य सचिव (एसीएस) केके पाठक एक तरफ दलित समुदाय से आने वाले राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपमानित करने पर तुले हैं और दूसरी तरफ शिक्षा में बदहाली को लेकर जदयू को आईना दिखा रहे हैं. इसी दल के लोग 15साल तक शिक्षा मंत्री होते रहे.
सुशील मोदी ने कहा कि शिक्षा विभाग जब राजद कोटे में गया, तब मुख्यमंत्री ने मंत्री चंद्रशेखर को नियंत्रण में रखने के लिए विवादास्पद केके पाठक को एसीएस बना दिया. उन्होंने कहा कि पाठक की कार्यशैली से हालात ऐसे हो गए कि चंद्रशेखर 22 दिन तक कार्यालय नहीं गए. सुशील मोदी ने कहा कि यदि शिक्षा विभाग इतना बदहाल रहा कि उसमें सुधार के लिए अब किसी अधिकारी को सामूहिक वेतन कटौती और निलंबन जैसी सख्ती करनी पड़ रही है, तो जदयू को इस विफलता की जिम्मेदारी लेकर लाखों गरीब छात्रों के अभिभावकों से माफी मांगनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि यदि केके पाठक की धमकाने-गलियाने और कानून का डंडा चलाने वाली कार्यशैली ही ठीक है, तो वे अब तक किसी विभाग में क्यों नहीं टिक पाए? सुशील मोदी ने कहा कि पाठक शिक्षा विभाग में दूसरी बार लाए गए. मुख्यमंत्री बताएँ कि उत्पाद, खनन, परिवहन और निबंधन जैसे विभागों से उनको क्यों हटाना पड़ा और अब वे कब तक शिक्षा विभाग में रह कर सरकार की फजीहत कराते रहेंगे?