होम्योपैथ दवाओं की आपूर्ति बंद, सभापति ने मांगा जवाब

Update: 2023-03-31 13:56 GMT

पटना न्यूज़: राज्य के सरकारी अस्पतालों में होम्योपैथी दवा नहीं मिलने का मामला विधान परिषद में उठा. सरकार की ओर से जब मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि मामला न्यायालय में लंबित है तो सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर ने इस सवाल से जुड़े सभी तथ्यों की जानकारी सदन में देने को कहा. साथ ही चिंता जताई कि होम्योपैथी दवाओं की आपूर्ति कोई कैसे रोक सकता है.

ललन कुमार सर्राफ सहित अन्य ने ध्यानाकर्षण में उठाया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में होम्योपैथी के डॉक्टर तो हैं लेकिन दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है. ऐसे में होम्योपैथ के चिकित्सकों द्वारा लिखी जा रही दवाएं या तो लोग बाजार से लेने को विवश हैं या डॉक्टर ही अंग्रेजी दवा लेने की सलाह दे रहे हैं. प्रभारी मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि विभाग की ओर से निविदा निकाली गई लेकिन एक निजी कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. इस कारण दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है. इस पर सभापति ने आश्चर्य प्रकट किया कि दवाओं की आपूर्ति को कोर्ट भी कैसे रोक सकता है. संभव है कोर्ट ने निविदा पर रोक लगाई हो. संजय पासवान ने कहा कि यह एलोपैथ चिकित्सकों की साजिश है कि वे होम्योपैथ दवाओं की आपूर्ति रोके हुए हैं. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं है. सवाल को स्थगित कर किसी और दिन जवाब दिया जाना चाहिए. वहीं रेखा कुमारी ने कहा कि मेरे जैसे कई लोग हैं जो होम्योपैथ दवा का ही सेवन करते हैं.

वित्तरहित डिग्री कॉलेजों को अनुदान में देरी पर भाजपा ने की नारेबाजी

विधान परिषद के पोर्टिकों में परिषद सदन की कार्यवाही शुरू होने के पूर्व भाजपा के विधान पार्षदों ने वित्तरहित डिग्री कॉलेजों को अनुदान में देरी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर जमकर नारेबाजी की. बाद में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही प्रतिपक्ष के मुख्य सचेतक दिलीप कुमार जायसवाल ने कार्यस्थगन भी पेश किया लेकिन सभापति देवेशचंद्र ठाकुर ने उसे अस्वीकृत कर दिया.

इसके पूर्व भाजपा सदस्यों ने पोर्टिकों में हाथों में नारे लिखे हुए तख्तियों को लेकर प्रदर्शन व नारेबाजी की.

माध्यमिक व इंटर कॉलेज के लिए 342 करोड़ जारी

राज्य सरकार ने वित्त रहित शिक्षा नीति की समाप्ति के बाद निर्धारित मापदंड पूरा करने वाले माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालय (इंटर कॉलेज) के लिए 342 करोड़ रुपए की राशि जारी की है. यह शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों के लिए सहायक अनुदान की राशि है. माध्यमिक विद्यालय के लिए शैक्षणिक सत्र 2014-15 व 2015-16 के लिए 106.62 करोड़ रुपए दिए गए हैं. जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालय (इंटर कॉलेज) के लिए शैक्षणिक सत्र 2013-15 व 2014-16 के बकाये सहायक अनुदान के रूप में 235.37 करोड़ रुपए जारी किये गये हैं. इन विद्यालयों व महाविद्यालयों के लिए वर्ष 2020-21 में स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय के तहत 842 करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी थी.

राज्य के सरकारी अस्पतालों में होम्योपैथी दवा नहीं मिलने का मामला विधान परिषद में उठा. सरकार की ओर से जब मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि मामला न्यायालय में लंबित है तो सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर ने इस सवाल से जुड़े सभी तथ्यों की जानकारी सदन में देने को कहा. साथ ही चिंता जताई कि होम्योपैथी दवाओं की आपूर्ति कोई कैसे रोक सकता है.

ललन कुमार सर्राफ सहित अन्य ने ध्यानाकर्षण में उठाया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में होम्योपैथी के डॉक्टर तो हैं लेकिन दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है. ऐसे में होम्योपैथ के चिकित्सकों द्वारा लिखी जा रही दवाएं या तो लोग बाजार से लेने को विवश हैं या डॉक्टर ही अंग्रेजी दवा लेने की सलाह दे रहे हैं. प्रभारी मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि विभाग की ओर से निविदा निकाली गई लेकिन एक निजी कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. इस कारण दवाओं की आपूर्ति नहीं हो रही है. इस पर सभापति ने आश्चर्य प्रकट किया कि दवाओं की आपूर्ति को कोर्ट भी कैसे रोक सकता है. संभव है कोर्ट ने निविदा पर रोक लगाई हो. संजय पासवान ने कहा कि यह एलोपैथ चिकित्सकों की साजिश है कि वे होम्योपैथ दवाओं की आपूर्ति रोके हुए हैं. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं है. सवाल को स्थगित कर किसी और दिन जवाब दिया जाना चाहिए. वहीं रेखा कुमारी ने कहा कि मेरे जैसे कई लोग हैं जो होम्योपैथ दवा का ही सेवन करते हैं.

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