सब रजिस्ट्रार बृज बिहारी शरण निकला करोड़ों का मालिक, निगरानी ब्यूरो को 150 प्रतिशत आय से ज्यादा संपत्ति मिली
बिहार की निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मोतिहारी के सब रजिस्ट्रार बृज बिहारी शरण पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने के बाद उसके तीन ठिकानों पर छापेमारी की।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार की निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने मोतिहारी के सब रजिस्ट्रार बृज बिहारी शरण पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने के बाद उसके तीन ठिकानों पर छापेमारी की। शुक्रवार को हुई इस कार्रवाई के दौरान करोड़ों की चल-अलच संपत्ति का खुलासा हुआ है। पति-पत्नी के बैंक खातों में 82 लाख रुपए जमा हैं। तलाशी में 10.50 लाख नकद के अलावा जमीन-जायदाद और वित्तीय संस्थानों में निवेश के कागजात मिले। ढाई किलोग्राम के करीब सोने-चांदी के जेवरात भी बरामद हुए हैं।
1.29 करोड़ आय से अधिक संपत्ति पर एफआईआर
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के मुताबिक सब रजिस्ट्रार बृह बिहारी शरण के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है। अदालत से सर्च वारंट लेने के बाद पटना के गर्दनीबाग स्थित विशनपुरी मोहल्ला और पूर्णेन्दुनगर स्थित घर के साथ मोतिहारी के आवास व कार्यालय की तलाशी ली गई। अभी तक इनके वैध स्रोतों से 150 प्रतिशत अधिक संपत्ति का पता चला है। तलाशी में 10.50 लाख नकद के अलावा आधा किलोग्राम सोना और दो किलो से अधिक के जेवरात मिले हैं। इसकी कीमत 24.30 लाख से ज्यादा बताई जा रही है।
पति-पत्नी के नाम 7 बैंक खाता व लॉकर भी मिला
निगरानी के मुताबिक सब रजिस्टार बृज बिहारी शरण और उनकी पत्नी के नाम 7 बैंक खातों में 82 लाख रुपए जमा हैं। पटना के एसके पुरी स्थित एसबीआई ब्रांच में एक लॉकर भी मिला है जिसे तत्काल फ्रीज करवा दिया गया। वहीं बीमा की 14 पॉलिसी के अलावा डेबिट और क्रेडिट कार्ड बरामद हुआ है। दो कार के अलावा जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़े दस्तावेज भी तलाशी के दौरान मिले।
1.29 करोड़ आंकी गई मकान की कीमत
सब रजिस्ट्रार का पूर्णेन्दु नगर में आलीशान मकान है। चार मंजिला मकान की कीमत 1.29 करोड़ रुपए आंकी गई है। वहीं जांच के दौरान निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को इनके द्वारा 11 जमीन और फ्लैट की खरीदारी से डीड हाथ लगे। इनमें से कई संपत्तियों को बृज बिहारी शरण द्वारा दिए गए वार्षिक संपत्ति विवरणी में नहीं दर्शाया गया है।
सितंबर 2010 में नौकरी में आए
बृज बिहारी शरण सितंबर 2010 में नौकरी में आए। अभी वह मोतिहारी में पदस्थापित हैं। इससे पहले औरंगाबाद और शेखपुरा में ही इनकी तैनाती रही है। 12 वर्ष से कम समय में इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की चल-अचल संपत्ति अर्जित कर ली।