Siwan: जंगली जानवर पानी और भोजन की तलाश में पहाड़ी क्षेत्र से शहरों में प्रवेश कर रहे
जंगली इलाकों में बसे गांव के लोगों को एक दो किमी दूर से पानी भर कर लाना पड़ रहा है.
सिवान: पहाड़ी क्षेत्रों में भीषण गर्मी और प्रचंड धूप के चलते पहाड़ी क्षेत्रों के नदी- नालों से लेकर तालाब और आहर का पानी सूख चुका है. स्थिति यह है कि पहाड़ी और जंगली इलाकों में बसे गांव के लोगों को एक दो किमी दूर से पानी भर कर लाना पड़ रहा है. वहीं दूसरी ओर जंगल में रहने वाले वन प्राणियों के लिए भी वन विभाग ने बजट के अभाव में प्यास बुझाने के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए हैं. इससे जंगली पशु प्यास बुझाने के लिए शहरी क्षेत्र में पहुंच जा रहे हैं. वन विभाग के अनुसार क्षेत्र का जंगल 1800 स्क्वायर किमी में फैला हुआ है. उक्त जंगल में पशु गणना के समय पता चला था कि यहां हिरण, बंदर, काला हिरण, नीलगाय, लकड़बग्घा, बाघ समेत कई जंगली जानवर मौजूद हैं. अन्य पशु पक्षी भी है जो पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं. रेंजर अभय कुमार कहते हैं कि तिलौथू प्रखंड के सोनपुरा दिग्घी और भरखोहा गांव में दो वाटर होल बनाए गए हैं. जहां टैंकर से हर चौथे पांचवें दिन पानी पहुंचाया जाता है. हालांकि जानकार बताते हैं कि उक्त दोनों वाटर हॉल भीषण गर्मी में दिखावा साबित हो रहा है.
उक्त वाटर हॉल में पानी नहीं रहने के कारण पानी के लिए वन्य जीव भटकते रहते हैं. बताया कि कैमूर वन्य जीव के लिए 15 वाटर होल के निर्माण के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है. जिसका निर्माण शीघ्र ही शुरू हो जाएगा. कहा कि इधर दो वर्षों से वन्य जीव प्राणियों के प्यास बुझाने के लिए कोई बजट विभाग से नहीं आया है.
शहरों में पानी के लिए पहुंचा बंदरों का झुंड: सारे तालाब आहार पोखर सूखने के बाद वन जीव प्राणी अब शहर और ग्रामीण क्षेत्र का रुख करने लगे हैं. विशेषकर बंदरों का झुंड गांव में पहुंचकर उत्पात मचा रहा है. जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल है. विभाग के अधिकारी कहते हैं कि बंदरों को वन्य जीव से बाहर कर दिया गया है.