Siwan: हाईकोर्ट ने 18 हजार पेड़ों को काटने पर लगाई रोक

Update: 2024-07-05 10:22 GMT

सिवान: पटना हाईकोर्ट ने गया जिला के खिजरसराय प्रखंड स्थित देवगांव में बालू खनन को लेकर 18 हजार हरे-भरे पेड़ों को काटने पर रोक लगा दी है.

साथ ही बालू खनन करनेवाली कंपनी को नोटिस जारी किया है. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के विनोद चन्द्रन और न्यायमूर्ति हरीश कुमार की खंडपीठ ने रौशन कुमार एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. आवेदकों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि देवगांव में वर्ष - में मनरेगा के तहत फल्गु नदी के किनारे 18 हजार पौधे लगाये गए थे. सभी पेड़ पांच- छह फीट से ज्यादा बड़े हो गए हैं. राज्य सरकार ने बालू खनन के लिए इस क्षेत्र को गया के मानपुर स्थित लक्खीबाग के सियाराम कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया है. खनन विभाग ने इस क्षेत्र में बालू खनन के लिए फल्गु नदी का बड़ा हिस्सा निजी कंपनी को दे दिया है. कंपनी का तर्क है कि बालू खनन में पेड़ों के चलते काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

इसके चलते बालू का खनन नहीं हो रहा है. कोर्ट ने फिलहाल पेड़ काटने पर यथास्थिति बनाये रखने का आदेश दिया. वहीं बालू खनन कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है. कोर्ट ने इस मामले में मगध प्रमंडल के आयुक्त सहित गया के डीएम और खनन विभाग को जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया. अगली सुनवाई की तारीख जुलाई तय की.

लाइब्रेरियन एसोसिएशन ने सौंपा ज्ञापन: बिहार लाइब्रेरी एसोसिएशन के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने पंचायती राज मंत्री केदार प्रसाद गुप्ता से मिलकर ज्ञापन सौंपा. एसोसिएशन ने मंत्री से सभी पंचायत में पुस्तकालय का संचालन ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लाइब्रेरी साइंस की डिग्री प्राप्त युवा और युक्तियां से ही करवाने की मांग की. कहा कि सरकार के इस पहल से बिहार में 8053 नौजवानों को रोजगार मिलेगा.

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