Siwan: राजधानी में अपराधियों ने बेखौफ होकर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया.

लुटेरे बेखौफ

Update: 2024-06-24 05:15 GMT

बिहार: 24 घंटे पुलिस गश्ती की व्यवस्था है. यहां थानों के अलावा डायल 112 की पुलिस भी हरेक थाना इलाकों में अपनी गाड़ी से गश्ती करती है. इसके बावजूद राजधानी में अपराधियों ने बेखौफ होकर लूटपाट की वारदात को अंजाम दिया.

पुलिस ने गश्ती व्यवस्था को चार पहर में बांट दिया है. सबसे पहले प्रात फिर दिन उसके बाद संध्या और सबसे अंत में रात्री गश्ती होती है. प्रत्येक थानों में यह व्यवस्था है. इसके अलावा डायल 112 की पुलिस - घंटे की शिफ्ट में हरेक थाना इलाकों के अंदर गश्ती करती है.

एएसआई और दारोगा रैंक के अफसर लगाते हैं गश्त गश्ती दल की कमान एएसआई और दारोगा रैंक के अफसरों के हाथ में होती है. उनके साथ तीन या चार जवान रहते हैं. रात के समय ज्यादातर हथियार से लैस पुलिसकर्मी ही गश्ती दल की कमान संभालते हैं.

अधिकारियों ने प्रत्येक थानों की पुलिस को दिन के वक्त अपने इलाके के मुख्य चौक-चौराहों पर गश्त लगाने के निर्देश दिये हैं. वहीं रात के वक्त गश्ती दल के सभी थाना क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में ऑन रोड रहना है. आने-जाने वाले संदिग्धों की तलाशी लेने के साथ ही उनसे पूछताछ भी करनी है. बाइकों के कागजात की पड़ताल करने के भी निर्देश गश्ती दल पर सवार पुलिसकर्मियों को दिये गये हैं.

गलियों में गश्त के लिए फुट पेट्रोलिंग: राजधानी की गलियों में गश्त के लिये फुट पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गई है. इसमें पैदल ही जवान अपने थाना इलाके के मोहल्लों व गलियों में गश्त लगाते हैं. हालांकि, रात के एक बजे के बाद आमतौर से फुट पेट्रोलिंग करते जवान नजर नहीं आते.

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