उत्तर बिहार के मेडिकल कॉलेजों में जूनियर रेजिडेंट की कमी

Update: 2023-08-05 11:30 GMT

मुजफ्फरपुर न्यूज़: उत्तर बिहार के तीन बड़े मेडिकल कॉलेजों में जूनियर रेजिडेंट नहीं हैं. अस्पताल में जूनियर रेजिडेंट (जेआर) के नहीं होने मरीजों का इलाज फंस रहा है. एसकेएमसीएच में अभी एक भी जूनियर रेजिडेंट नहीं है तो दरभंगा मेडिकल कॉलेज में 32 ही काम कर रहे हैं. दोनों मेडिकल कॉलेजों में जूनियर रेजिडेंट की 214 सीटें हैं. बेतिया मेडिकल कॉलेज में भी जूनियर रेजिडेंट की 76 सीटें हैं, जिसमें आधे से कम ही काम कर रहे हैं. एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ दीपक कुमार ने बताया कि हमारे यहां काम कर रहे जेआर की अवधि पूरी हो गई है. इनके बारे में विभाग से आगे के लिए दिशा निर्देश मांगा गया है. दरभंगा मेडिकल कॉलेज की अधीक्षक डॉ.अल्का झा ने बताया कि सरकार को जेआर की कमी के बारे में पत्र भेजा गया है.

ओपीडी से इमरजेंसी तक फंस रहा इलाज मेडिकल कॉलेज में जेआर नहीं रहने से ओपीडी से इमरजेंसी तक मरीजों का इलाज फंस रहा है. एसकेएमसीएच के डॉक्टरों ने बताया कि इंटर्न के बाद डॉक्टरों की पोस्टिंग जूनियर रेजिडेंट के तौर पर होती है. उनका काम ओपीडी लेकर इमरजेंसी तक मरीजों के इलाज में सहयोग करना होता है. एसकेएमसीएच के एक डॉक्टर ने बताया कि बिना जूनियर रेजिडेंट के कोई अस्पताल नहीं चलता. एसकेएमसीएच में जूनियर रेजिडेंट के नहीं रहने से व्यवस्था चरमरा गई है. इमरजेंसी में कई मरीजों को समय पर इलाज मिलने में परेशानी हो रही है.

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