झटका: इस मंत्री को पद से हटाया जा सकता है

Update: 2022-03-12 06:54 GMT

पटना: बिहार सरकार में पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने यूपी के विधानसभा चुनाव में 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. वीआईपी का एक भी उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल नहीं रहा लेकिन कुछ सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) उम्मीदवारों की हार के अंतर से अधिक वोट पाए. अब खबर है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व मुकेश सहनी से नाराज है. मुकेश सहनी की नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से छुट्टी तय मानी जा रही है.

यूपी चुनाव की समाप्ति के बाद बिहार के बीजेपी नेता मुकेश सहनी के खिलाफ लगातार आक्रामक हैं. बीजेपी के नेता मुकेश सहनी को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग कर रहे हैं. अब बीजेपी विधायक हरिशंकर ठाकुर ने दावा किया है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मुकेश सहनी से नाराज है. गृह मंत्री अमित शाह जल्द ही मुकेश सहनी को लेकर फैसला करेंगे.
उन्होंने वीआईपी अध्यक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि मुकेश सहनी ने सहयोगी दल होने के बावजूद भी गठबंधन की मर्यादा का उल्लंघन करते हुए यूपी में चुनाव लड़ा. मुकेश सहनी लोकसभा और विधानसभा का चुनाव हार चुके थे इसके बावजूद भी बीजेपी ने उनको मंत्री बनाया. बीजेपी विधायक ने कहा कि मुकेश सहनी को अब नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. अमित शाह, मुकेश सहनी जैसे लोगों को लेकर जल्द फैसला लेंगे.
हरिशंकर ठाकुर के दावे के मुताबिक बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व मुकेश सहनी से नाराज है और जल्द ही उनके खिलाफ कोई कदम उठाया जा सकता है. बीजेपी नेताओं के तेवर देख मुकेश सहनी का मंत्री जाना लगभग तय माना जा रहा है. मुकेश सहनी बीजेपी की आंखों की किरकिरी बन गए हैं. मुकेश सहनी ने यूपी चुनाव के दौरान अखबार में एक पेज का विज्ञापन देकर बीजेपी को वोट न देने की अपील की थी.
सूत्रों की मानें तो मुकेश सहनी को मंत्री पद से हटाया जा सकता है. मुकेश सहनी एमएलसी हैं और उनका कार्यकाल जुलाई तक है. सूत्र बताते हैं कि बीजेपी मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी के मौजूदा तीन विधायकों में से किसी को सरकार में मंत्री बना सकती है. मुकेश सहनी के लिए बिहार की राजनीति में आगे का सफर मुश्किल माना जा रहा है.
वीआईपी ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में तीन विधायक जीते थे. वीआईपी के टिकट पर निर्वाचित हुए तीनों विधायक चुनाव से पहले बीजेपी में थे. बीजेपी छोड़कर वीआईपी में शामिल हुए और चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे ऐसे में माना ये भी जा रहा है कि तीनों ही विधायक मुकेश सहनी का साथ छोड़कर अलग गुट बना बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
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