दो दिवसीय किसान मेला में सात सौ महिला पुरुष-किसानों ने भाग लिया
वैज्ञानिकों ने सुनी किसानों की समस्या
कटिहार: खेती-बाड़ी वैज्ञानिक तकनीकों के द्वारा करने से फसल को व्याधि से न सिर्फ बचाया जाता है. बल्कि बेहतर गुणवत्ता और उपज में भी बढ़ोतरी होती है. कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) में अनुसूचित जाति उप योजना के अंतर्गत दो दिवसीय किसान मेला का आयोजन किया गया. जिसमें विभिन्न प्रखंडों से सात सौ के करीब महिला-पुरुष किसानों ने हिस्सा लिया और वे खेती-बाड़ी के तकनीकी बारिकी को भी समझा. इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को गुणवत्ता पूर्ण खेती को लेकर विभिन्न आयाम की जानकारी दी.
किसान मेला का उद्घाटन उपविकास आयुक्त अमित कुमार, भोला पासवान शास्त्रत्त्ी कॉलेज पूर्णिया के प्राचार्य डॉ पारसनाथ, कृषि विज्ञान केंद्र की वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ कुमारी शारदा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. इस अवसर पर केवीके की वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान डॉ कुमारी शारदा ने आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया एवं कृषि विज्ञान कटिहार द्वारा संचालित विभागों कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला. प्राचार्य भोला पासवान शास्त्रत्त्ी कॉलेज पूर्णिया डॉ पारसनाथ ने रबी फसलों मे किट व्याधि प्रबंधन विषय पर किसानो को प्रशिक्षण दिया.
मखाना की खेती विषय पर दी गयी जानकारी पूर्णिया कॉलेज के कृषि वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार ने किसानों को मखाना की खेती विषय पर किसानो को प्रशिक्षण दिया. इफको के जिला प्रबंधक राजीव लोचम ने नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी विषय पर किसानों को जानकारी दी. जिला कृषि पदाधिकारी संत लाल ने कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध मे जानकारी दी. सहायक निदेशक उद्यान ने उद्यान द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी. उप परियोजना निदेशक शशि कांत झा ने आत्मा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के सम्बन्ध मे जानकारी दी. कार्यक्रम का संचालन कृषि वैज्ञानिक पंकज कुमार ने किया. इस अवसर पर उप विकास आयुक्त ने मेले मे लगे विभिन्न स्टॉल का निरीक्षण किया. साथ हीं साथ उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र मे जल जीवन हरियाली अंतर्गत प्रदर्शन प्लॉट का एवं विभिन्न इकाईयों का निरीक्षण किया. इस अवसर पर एनएससी पूर्णिया, इफको, जिला नियोजन इकाई, पाट अनुसंधान केंद्र एवं विभिन्न उद्यमियों के द्वारा स्टॉल लगाया गया था. वहीं किसानों को आधुनिक तौर-तरीके से खेती करने की भी जानकारी दी गई. विशेष तौर पर मखाना खेती के बारे में जानकारी दी गई.