बेगूसराय न्यूज़: बिहार में जल्द जमीन से संबंधित सभी सेवाएं और जानकारी एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होंगे. इसपर जमीन से जुड़े सभी नियम-कायदों के अलावा दाखिल-खारिज, परिमार्जन समेत तमाम सेवाएं ऑनलाइन मिल सकेंगी.
इसमें जमीन के नक्शा का प्रिंट-आउट जैसी नई सेवाएं भी जोड़ी जा रही हैं. इस एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली से संबंधित सॉफ्टवेयर को विकसित करने की जिम्मेदारी आईआईटी रुड़की को सौंपी गई है. यह प्रणाली दो से तीन माह में तैयार हो जाएगी. एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली को विकसित करने एवं इसके क्रियान्वयन के लिए आईआईटी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर और मुख्य शोधकर्ता डॉ. कमल जैन के साथ भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने एक करार किया है.
इसके एवज में इस संस्थान को करीब 16.50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. इस प्रणाली के बेहतर क्रियान्वयन और मॉनीटरिंग के लिए एक बिहार भू-अभिलेख प्रबंधन सोसाइटी का गठन किया जा रहा है.
लेनदेन भी पूरी तरह सुरक्षित इस एकीकृत पोर्टल पर जमीन संबंधित सभी ऑनलाइन सेवाओं को एकीकृत एवं सहज बनाया जा रहा है. सुविधाएं प्राप्त करने के लिए शुल्क के तौर पर जमा की जाने वाली राशि का लेनदेन भी पूरी तरह से सुरक्षित होगा. बैंकिग सेवाओं की तर्ज पर ही इसमें आधार से जुड़ा सुरक्षित लेनदेन की सुविधा होगी.
इस पोर्टल के बनने से किसानों और रैयतों को बहुत सुविधा होगी. जमीन से संबंधित सारी जानकारी और सेवाएं एक जगह एकीकृत तौर पर मिलने लगेगी. इससे व्यवस्था में पारदर्शिता एवं जवाबदेही सुनिश्चित होगी. - आलोक कुमार मेहता
मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग
● ऑनलाइन दाखिल-खारिज
● भू-लगान की सुविधा
● ऑनलाइन जमाबंदी अद्यतीकरण
● आधार सीडिंग
● दखल-कब्जा प्रमाणपत्र
● ऑनलाइन भूमि खेसरा मानचित्र
● सभी राजस्व अभिलेखों को ऑनलाइन देखने एवं डॉउनलोड करने की व्यवस्था
● ऑनलाइन पंजी (मॉर्गेज, कोर्ट केस, भू-अर्जन की कार्यवाही एवं अन्य वैधानिक आदेश)
● ऑनलाइन गैर-कृषि कार्यों के लिए जमीन का परिवर्तन कराने की सुविधा
● ऑनलाइन भू-मापी कराने की सुविधा
● निबंधन विभाग से संबद्धता
● अन्य जरूरी विभाग से जुड़ने के लिंक, महत्वपूर्ण सुविधाएं