बिहार में पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार सर्वाधिक बढ़े सर्विस वोटर

देश के औसत से भी ज्यादा

Update: 2024-04-20 05:14 GMT

बक्सर: पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार बिहार में सर्विस वोटर यानी सेवा मतदाताओं की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा हुआ है. वर्ष 2019 में ऐसे मतदाताओं की संख्या 1 लाख 39 हजार 815 थी, जो 2024 में बढ़कर 1 लाख 67 हजार 469 हो गई. यह बढ़ोतरी 19.8 प्रतिशत है. प्रतिशत के लिहाज से इतनी अधिक बढ़ोतरी किसी अन्य राज्य में नहीं है. पड़ोसी झारखंड में 19.38 की वृद्धि दर्ज की गई है. देश स्तर पर 14.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. वर्ष 2019 में देश में 16 लाख 62 हजार 993 वोटर थे, जो 2024 में 19 लाख 8 हजार 194 हो गए. यूपी में सर्वाधिक 2 लाख 97 हजार 867 सर्विस वोटर हैं. यहां 16.83 वृद्धि हुई है. वहीं, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल व महाराष्ट्र ऐसे राज्य है, जहां पर सेवा मतदाताओं की संख्या एक लाख से अधिक है. उतराखंड में संख्या 88 हजार 600 थी, जो बढ़कर 93 हजार 357 हो गयी. मतदाताओं में 5.36प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

कड़े मुकाबले में बढ़ जाती है अहमियत: लोकसभा या विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती सर्विस वोट से ही शुरू होती है. यह परंपरा शुरू से चली आ रही है. सर्विस वोट अमूमन जीत-हार का गणित तय नहीं करते, क्योंकि इनकी वोटों की संख्या कम होती है. पर जहां कांटे की टक्कर होती है वहां इनके वोटों की अहमियत बढ़ जाती है.

सेना और अर्द्धसैनिक बलों के अलावा राज्य से बाहर प्रतिनियुक्त पुलिस के जवान और अधिकारियों वहां से मतदान करते हैं जहां उनकी तैनाती रहती है. इन्हें सेवा या सर्विस वोटर कहा जाता है. पटना जिले में सर्विस वोटरों की कुल संख्या 12833 है.

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