Samastipur: जाने शांभवी चौधरी के किस बयान पर भड़का विपक्ष

Update: 2024-09-27 09:33 GMT

बिहार: समस्तीपुर से सांसद शांभवी चौधरी अपने बयान को लेकर चर्चा में हैं. उन्होंने समस्तीपुर को लेकर बड़ी बात कही. सांसद ने कहा कि जब उन्होंने संसद में समस्तीपुर का मुद्दा उठाया तभी लोगों को पता चला कि समस्तीपुर कहां है? इस बयान को लेकर विपक्ष ने उन पर जमकर हमला बोला. किसी ने शांभवी चौधरी को भारत रत्न देने की बात कही तो किसी ने समस्तीपुर का नाम बदलने की मांग कर दी. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?

सांसद ने क्या दिया बयान?

शांभवी चौधरी बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं. इस बार वह चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) के टिकट पर समस्तीपुर से सांसद बनीं. उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र में कहा कि जब उन्होंने संसद में इसके बारे में बात की तो लोगों को इसके बारे में पता चला. इससे पहले लोगों को यह नहीं पता था कि बिहार के नक्शे में समस्तीपुर कहां है?

शांभवी चौधरी ने किया जनता का अपमान: राजद

शांभवी चौधरी के बयान पर राजद प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बिहार की जनता जानती है कि समस्तीपुर जिले का गठन वर्ष 1972 में हुआ था. समस्तीपुर को कर्पूरी ठाकुर की धरती कहा जाता है. सांसद ने ऐसा बयान देकर वहां की जनता का अपमान किया है. वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ज्ञान रंजन ने चुटकी लेते हुए कहा कि शांभवी चौधरी को राजनीति का ककहरा भी नहीं पता. यह भगवान की कृपा है कि वह नेता की बेटी हैं.' उन्हें शायद यह भी नहीं पता होगा कि पटना में चिड़ियाघर भी है.

जनता सजा जरूर देगी : धीरेंद्र झा

माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेंद्र झा ने समस्तीपुर की खोज के लिए सांसद को भारत रत्न देने की मांग की. साथ ही समस्तीपुर का नाम बदलकर शांभवीपुर किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एनडीए ने मिथिलांचल के ऐसे नेता को बढ़ावा दिया जो समाज, इतिहास और राजनीतिक आंदोलन के बारे में नहीं जानता. जो लोग यह नहीं जानते कि भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर समस्तीपुर से सांसद बने थे तो वे यह भी नहीं जानते कि बलिराम भगत कॉलेज के संस्थापक कौन हैं? ऐसे सांसद को जनता जरूर सजा देगी. उनके पिता सचमुच सजा के हकदार हैं, जिन्होंने एक अराजनीतिक बच्चे को टिकट दिलवाया और सांसद बन गये.

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