विश्वविद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों का 11 माह से वेतन भुगतान लंबित
इस बार बिना वेतन केे ही अतिथि शिक्षकों रमजान मना रहे हैं
गया: विश्वविद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को वेतन का टोटा है. 11 माह से अतिथि शिक्षक वेतन भुगतान का इंतजार कर रहे हैं. इसके लिए लगातार विवि प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है. भुगतान में विलंब से अतिथि शिक्षकों में रोष है. इस बार बिना वेतन केे ही अतिथि शिक्षकों की व रमजान मना रहे हैं.
लनामिवि में करीब आठ सौ अतिथि शिक्षक वेतन के लिए टकटकी लगाए बैठे हैं. शिक्षा विभाग की ओर से अतिथि शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर जारी पत्र के बाद से भुगतान में पेंच फंसा हुआ है. फरवरी को उच्च शिक्षा निदेशक ने राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति को पत्र जारी कर विवि के अांतरिक स्रोत से अतिथि शिक्षकों का वेतन भुगतान करने का निर्देश देते हुए कहा कि भुगतान की सूचना मिलने के बाद इस मद में राशि आवंटन के रूप में उपलब्ध कराने पर विभाग विचार करेगा. इससे पूर्व शिक्षा विभाग से वेतन मद में राशि उपलब्ध होने पर अतिथि शिक्षकों का भुगतान होता रहा है.
शिक्षा विभाग का निर्देश मिलने के बाद अतिथि शिक्षकों ने विवि प्रशासन पर भुगतान के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया. लनामिवि के अतिथि शिक्षकों ने बताया कि सीनेट से पूर्व इस विषय पर कुलपति से सकारात्मक वार्ता हुई, लेकिन सीनेट की बैठक के बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है. दरअसल लनामिवि के सीनेट की बैठक में भाग लेने पहुंचे राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अतिथि शिक्षकों के भुगतान के लिए शिक्षा विभाग को जिम्मेवार बताते हुए विवि के आंतरिक स्रोत से भुगतान नहीं होने की बात कही. इसके बाद यह मामला राजभवन व शिक्षा विभाग के बीच उलझकर रह गया है. अतिथि शिक्षकों ने बताया कि वे 11 माह से बिना वेतन काम कर रहे हैं. अतिथि शिक्षकों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षक भुखमरी के कगार पर होंगे तो उच्च शिक्षा का विकास संभव नहीं है. कुलसचिव डॉ. अजय कुमार पंडित ने बताया कि विवि का खाता फ्रिज होने से भुगतान संभव नहीं है. तत्काल प्रधानाचार्यों को कॉलेज में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को दो माह का वेतन भुगतान आंतरिक स्रोत से करने का िनिर्देश जारी किया गया है.