पटना सदर अंचल कार्यालय में 24 लाख का हिसाब नहीं

Update: 2024-03-12 05:06 GMT

पटना: पटना सदर अंचल में 24 लाख रुपये गबन का मामला सामने आया है. सरकारी राशि कहां खर्च की गई इसका अंचल कार्यालय के रिकॉर्ड में कोई हिसाब-किताब मौजूद नहीं है. आशंका जताई जा रही है कि राशि का गबन कर लिया गया है. आरोप अंचल के पूर्व नाजिर पर लगा है.

इस संबंध में नाजिर से स्पष्टीकरण भी मांगा गया, लेकिन उसने खर्च की गई राशि का बिल अंचल कार्यालय को अबतक नहीं दिया है. पटना सदर के अंचलाधिकारी ने इस संबंध में डीएम को रिपोर्ट भेज दी है. इसमें अंचल कार्यालय की राशि के गबन की आंशका जताई गई है. -दो दिनों में इस मामले में कार्रवाई तय मानी जा रही है. वर्ष 2007-2008 में अंचल कार्यालय को आंवटित राशि में से 24 लाख रुपये का कोई हिसाब नहीं है. इसका खुलासा तब हुआ जब 28 फरवरी को अंचल के नाजिर ने अपना पदभार प्रधान लिपिक को दिया. पहले तो प्रधान लिपिक ने पदभार लेने से इनकार किया क्योंकि राशि का वाउचर ही नहीं था, लेकिन बाद में अंचल के रिकार्ड में इस बात का जिक्र किया गया कि खर्च की गई राशि का ब्योरा नहीं है. प्रधान लिपिक ने अंचलाधिकारी को इस संबंध में रिपोर्ट करते हुए अग्रतर कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा.

17 साल से अंचल स्तर पर ही लंबित था मामला

पिछले 17 सालों से यह मामला अंचल स्तर पर ही लंबित था. इधर, अंचल में हाल के वर्षों में खर्च की गई राशि की फाइलें खंगाली जा रही हैं, क्योंकि हाल के वर्षों में अंचल स्तर से कई गड़बड़ी होने की आंशका जताई गई है. इसमें बाढ़, ठंड में गरीब लोगों के लिए जलाए गए अलाव और कोरोना काल में पीड़ितों के लिए चलाए गए सामुदायिक किचेन पर खर्च की गई राशि का ब्योरा शामिल है.

अंचलाधिकारी ने जिलाधिकारी को भेजी रिपोर्ट

सीओ ने डीएम को रिपोर्ट भेजी है जिसमें इसका पूरा जिक्र है. यह राशि तत्कालीन नाजिर ने कहां खर्च की इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है. इस संबंध में कई बार महालेखाकार की टीम ने भी आडिट के समय आपत्ति दर्ज की थी लेकिन आडिट टीम को भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. डीएम ने 29 फरवरी को संबंधित अधिकारियों को बुलाकर पूछताछ की और फाइल के बारे में जिक्र किया.

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