Rohtas: दफ्तर से सोफा-टेबल ले गईं पूर्व डीसीएलआर
चौंकानेवाले खुलासे सामने आये.
रोहतास: सदर अनुमंडल की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह स्थानांतरण के दूसरे दिन ही दफ्तर से सोफा-टेबल समेत अन्य सामान ले गई थीं. सामान ले जाने के पहले सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर को खोल दिया गया था, ताकि पूरे घटनाक्रम की तस्वीर कैद नहीं हो सके.
जांच अधिकारियों ने डीसीएलआर कार्यालय में जब जांच शुरू की तो कई चौंकानेवाले खुलासे सामने आये.
जांच अधिकारियों ने डीसीएलआर कार्यालय के कर्मचारियों से 2 घंटे तक पूछताछ की. कुछ कर्मचारियों ने लिखित तौर पर भी जानकारी दी है, जबकि कई ने पूछताछ में बताया कि 23 अक्टूबर की रात एक इनोवा गाड़ी से कार्यालय के महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर कुछ लोग गए थे. कार्यालय में रखा गया महंगा सोफा टेबल और अन्य सामग्री को भी लोग ले गए. जांच टीम को कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व डीसीएलआर ने इन सब सामग्री को अपने स्तर से लगवाया था. इसलिए स्थानांतरण के बाद वे सभी सामान ले गईं. जांच अधिकारी सामग्री का बिल वाउचर नजीर से मांग रहे थे, इस बीच उसने या खुलासा किया. जांच अधिकारी भी आश्चर्यचकित हैं कि आखिर पूर्व डीसीएलआर ने सरकारी दफ्तर में अपने स्तर से सोफा-टेबल और दूसरे सामान क्यों लगवाया था? इसके लिए पैसा कहां से आए थे? इन सब बिन्दुओं पर जांच चल रही है. डीसीएलआर की ओर से तबादले के बाद लौटए गए दस्तावेज की भी छानबीन की जा रही है, जिसमें सदर अनुमंडल क्षेत्र के दर्जनों जमीन के दाखिल-खारिज और भूमि विवाद से संबंधित संचिका शामिल है. 23 अक्टूबर की देर शाम डीसीएलआर कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे भले ही खोल लिए गए थे लेकिन एसडीएम कार्यालय के कैमरे काम कर रहे थे. जांच अधिकारी उस दिन का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं. बता दें कि पटना सदर अनुमंडल की पूर्व डीसीएलआर पर लगभग 700 फाइल ले जाने का आरोप है, जिसमें से लगभग 200 फाइल लौटा दिया गया है. ऐसा आरोप है कि बड़े पैमाने पर संचिकाओं में छेड़छाड़ की गई है तथा बैक डेट में कई आदेश जारी किए गए हैं, जिसकी जांच के लिए डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने डीडीसी समीर सौरभ की अध्यक्षता में 10 सदस्य कमेटी गठित की है.