Rohtas: फ्लाईएश ईंट निर्माता कच्चा माल बिचौलियों से खरीदने को हुए विवश
ईंट की कीमतों पर प्रभाव
रोहतास: पर्यावरण अनुकूल फ्लाई ऐश ईंट निर्माण यूनिट बिहार में इन दिनों बुरे दौर से गुजर रही है. कच्ची सामग्री से लेकर भुगतान संकट से निपटना पड़ रहा है. यूनिट चलाने के लिए 60 कच्ची सामग्री राज्य के विद्युत परियोजनाओं से मिल रही है, जबकि 40 सामग्री की खरीदारी उन्हें खुले बाजार में बिचौलियों से करना पड़ रहा है, जिससे ईंट की कीमतों पर प्रभाव पर रहा है.
कच्ची सामग्री की कमी के कारण कहीं निर्माण यूनिट अपनी क्षमता से कम चल रही है तो कहीं बंदी के कगार पर पहुंच गई हैं. बिहार फ्लाई ऐश ईंट उद्योग संघ के महासचिव विकास कुमार के मुताबिक राज्य में 12 सौ फ्लाई ऐश ईंट निर्माण यूनिट कार्यरत थीं. इनमें से लगभग 500 विभिन्न समस्याओं के कारण बंद हो चुकी है. पटना और आसपास लगभग डेढ़ सौ यूनिट कार्यरत है, जिनकी क्षमता प्रतिदिन साढ़े सात लाख फ्लाई ऐश ईंट निर्माण की है, लेकिन फ्लाई ऐश नहीं मिलने के कारण इन यूनिटों से महज 05 लाख ईंट का निर्माण हो रहा है. पर्याप्त मात्रा में फ्लाई ऐश नहीं मिलने से परेशानी बढ़ रही है.
भुगतान में भी हो रही समस्या फ्लाई ऐश ईंटों का उपयोग सरकारी और गैर सरकारी योजनाओं में किया जा रहा है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) प्रावधानों के अनुसार यूनिटों का भुगतान 45 दिनों के अंदर किया जाना चाहिए. लेकिन छह महीने से साल भर तक भुगतान नहीं हो पा रहा है. इससे कई इकाईकी वित्तीय हालत बहुत खास्ता हो गई है. संघ के अनुसार कई सरकारी योजनाओं में फ्लाईएश ईंटों को प्राथमिकता नहीं दी जा रही है.
● फ्लाई ऐश का आवंटन ईंट निर्माताओं कोटा 40 प्रतिशत निश्चित किया जाए
● फ्लाई ऐश का आवंटन सिर्फ अंतिम उपयोगकर्ता को आवंटित किया जाए
● फ्लाई ऐश की ट्रेडिंग पूरी तरह बंद होनी चाहिए
● फ्लाई ऐश ईंट निर्माताओं को विद्युत परियोजानाएं अपने राख हैंडलिंग चार्ज पर 10 प्रतिशत मुनाफा जोड़ कर निर्धारित मूल्य पर मुहैया कराए
● फ्लाई ऐश का परिवहन सिर्फ बंद कंटेनर से हीं किया जाए
● राज्य में स्थित विद्युत परियोजनाओं से निकले फ्लाई ऐश पर पहला हक उस राज्य के उद्योगों का होना चाहिए.
● बियाडा में फ्लाई ऐश ईंट निर्माण इकाइयों के लिए जमीन आवंटित किया जाए.
● हर जिले में फ्लाई ऐश ईंट निर्माण इकाइयों के लिए क्लस्टर जोन की स्थापना हो.
● सभी परियोजनाओं में सौ फीसदी फ्लाई ऐश से बनी ईंटों की उपयोगिता को बाध्यकारी बनाया
पर्याप्त फ्लाई ऐश पर आपूर्ति नहीं
राज्य में फ्लाई ऐश की पर्याप्त उपलब्धता है. छह बड़ी विद्युत परियोजना कार्यरत हैं. उद्योग संघों के अनुसार यहां से निकलने वाले फ्लाई ऐश् से केवल बिहार के ही नहीं बल्कि यूपी और झारखंड के फ्लाईऐश की भी जरूरतें पूरी हो सकती है, पर यहां विद्युत परियोजनाएं यूनिट को मांग के मुताबिक आपूर्ति नहीं हो रही है.