Rohtas: बड़ी गाड़ियों ने तोड़ दिए छह हजार से अधिक मैनहोल ढक्कन

जेसीबी की वजह से भी मैनहोल के ढक्कन टूटने की घटनाएं हुई

Update: 2024-06-25 04:57 GMT

रोहतास: शहर में छह हजार से अधिक मैनहोल के ढक्कन टूटे हुए हैं. सबसे अधिक मामले पाटलिपुत्र और नूतन राजधानी अंचल में मिले. ढक्कन टूटने की मुख्य वजह रात में निर्माण सामग्री लेकर चलने वाले हाइवा, ट्रैक्टर और ट्रक हैं. इसके अलावा जेसीबी की वजह से भी मैनहोल के ढक्कन टूटने की घटनाएं हुई हैं. निगम ने सर्वे कराया तो यह हकीकात सामने आई. पिछले दिनों सभी अंचलों से इस बाबत रिपोर्ट मांगी गई थी. सभी अंचलों ने निगम मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी. सर्वे में शामिल अधिकारियों का कहना है कि जिन इलाकों में सरकारी या निजी निर्माण कार्य चल रहे हैं वहां बड़े और भारी वाहनों से मैनहोल टूटने की घटनाएं सबसे ज्यादा हैं. इसके अलावा अप्रैल और मई में नगर निगम की अलग-अलग टीम की ओर से नालों की सफाई की गई थी. कई जगहों पर जेसीबी से ढक्कन को निकालते समय यह टूट गया. हर अंचल में ढक्कन लगाने का काम से शुरू हो जाएगा. ताकि बरसात से पहले यह काम पूरा किया जा सके. गौरतलब है कि नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने सभी 75 वार्डों में एक-एक नोडल अधिकारी तैनात कर टूटे हुए ढक्कन के मरम्मत कार्य करने के लिए कहा था. सभी अधिकारियों से 11 तक इससे संबंधित रिपोर्ट भी मांगी थी. रिपोर्ट के मुताबिक नूतन राजधानी और पाटलिपुत्र अंचल में अधिक मैनहोल का ढक्कन टूटे हुए हैं.

2022 में पहली बार टूटे ढक्कन का हुआ था सर्वे: अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2022 में पहली बार मैनहोल के टूटे ढक्कन का सर्वे कराया गया था. उस समय लगभग 21 हजार ढक्कन को बदला गया. मैनहोल का ढक्कन टूटने से जगह-जगह नाला जाम होने की शिकायत रहती है. बरसात में यह समस्या अधिक हो जाती है. जिससे कई इलाकों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. सभी खुले हुए ढक्कन को लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा. इस माह शहर को ओपेन मैनहोल फ्री सिटी घोषित किया जाना है.

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