जर्जर सड़क वाली गांवों में एंबुलेंस सेवा देने में आनाकानी

Update: 2023-05-13 10:28 GMT

मधुबनी न्यूज़: जिले में अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां एंबुलेंस की सेवा मिलने में मरीज व परिजनों को काफी दिक्कत होती है. खासकर ऐसे गांव जहां की सड़के आज भी जर्जर और उपेक्षित हैं, वहां पर एंबुलेंस की सेवा मिलने में अत्यधिक परेशानी होती हैं. मरीज के परिजन अत्यधिक विलंब होने की वजह से निजी वाहन से अस्पताल पहुंचते हैं. कई बार एंबुलेंस को बीच सड़क पर अटका कर रखने की मजबूरी बन जाती है, बाद में वहां तक मरीज को किसी तरह लादकर ले जाया जाता है. रहिका प्रखंड के नाजिरपुर पंचायत के मुसहरी, सेराम गांव के बिचला टोल, बाबूबरही प्रखंड के श्याम सिद्दप आदि जगहों पर आज भी एंबुलेंस पहुंचने में आनाकानी करते हैं.

इसकी मुख्य वजह जर्जर सड़क के साथ अतिक्रमित सड़कें हैं. सेराम गांव के बिचला टोले निवासी विश्नाथ मंडल, रीतलाल मंडल, जगदीश मंडल आदि ने बताया कि उनके टोले में एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती हैं. ऐसे में मरीज व परिजनों को करीब आधा किलोमीटर की दूरी तक सेराम के मध्य विद्यालय के समीप जान पड़ता है. कई बार इस अफरातफरी में मरीजों की स्थिति बिगड़ जाती है. मोबाइल से मिली जानकारी के मुताविक बाबूबरही के श्याम सिद्दप गांव के अंदर एंबुलेंस ले जाने में दिक्कत होती है. ग्रामीण अर्चना कुमारी ने बताया कि जर्जर सड़क की वजह से एंबुलेंस की चेचिस जमीन में लगती है. ऐसे में लोग बीमार होने की नौबत आने पर करीब एक किमी जाकर एंबुलेंस की सेवा लेने की मजबूरी है. हालांकि कई लोग ऐसी नौबत आने पर एंबुलेंस की बजाय टेम्पो व अन्य वाहनों से अस्पताल की ओर रुख करते हैं. जिले की एंबुलेंस की उपलब्धता के मामले में पहले से काफी सेवा बेहतर हुई है. एडवांस लाइफ सपोर्ट के साथ 21 नई एंबुलेंस जिले में चल रही हैं. खासकर क्रिटिकल स्थिति में यह एंबुलेंस काफी जान बचाने में सक्षम रहती है.

पंकज मिश्रा, डीपीएम, जिला स्वास्थ्य समिति.

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