भागलपुर न्यूज़: बिहार न्यूज़ डेस्क पर्यवेक्षण गृह में नाबालिग की संदिग्ध मौत मामले में उसके परिजनों और रिश्तेदारों ने जमकर हंगामा किया. किशोर की मौत के बाद परिजनों ने मायागंज अस्पताल परिसर में भी उसकी हत्या किए जाने का आरोप लगाकर विरोध जताया था. की सुबह शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया तो वहां भी परिजनों ने हत्या किए जाने की बात कह हंगामा किया.
पोस्टमार्टम हाउस के सामने सड़क पर शव को रखकर लगभग 25 मिनट तक जाम लगाया. वहां से निकलने के बाद वे लोग पर्यवेक्षण गृह के गेट पर पहुंचे और अंदर जाने की कोशिश करने लगे तो उन्हें रोक दिया गया. परिजनों ने गेट पर ही जमकर विरोध और हंगामा किया. आक्रोशित होकर पत्थर भी फेंके. उधर, रिमांड होम में किशोर की फांसी लगाने से हुई मौत के मामले की न्यायिक जांच कराई जाएगी. इसके लिए डीएम ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र भेजकर अनुरोध किया था.
घटना में किसी को नहीं बताया गया है दोषी
नाबालिग की मौत मामले में पर्यवेक्षण गृह के प्रभारी अधीक्षक सुदर्शन कुमार के बयान पर बरारी थाने में यूडी केस दर्ज किया गया है. उन्होंने थाने में लिखकर दिया है कि किशोर ने गमछा से फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली. घटना के लिए किसी को दोषी नहीं बताया गया है. बरारी थानेदार आशुतोष कुमार ने बताया कि यूडी केस दर्ज कर लिया गया है. उधर, नाबालिग के परिजन लगातार यह आरोप लगा रहे हैं कि उसकी हत्या की गई है.
मां अपने बेटे को अंतिम बार नहीं देख सकी
नाबालिग के शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजन दाह संस्कार के लिए घाट पर चले गए. परिजनों ने यह भी कोशिश की कि जेल में बंद किशोर की मां को पैरोल मिल जाए, ताकि वह अपने बेटे को अंतिम बार देख सके. परिजनों का कहना था कि इसमें उन्हें सफलता नहीं मिल सकी और नाबालिग की मां बाहर नहीं निकल सकी. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही एक आरोप में नाबालिग की मां को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.