पटना न्यूज़: राजीवनगर थानेदार व 2009 बैच के दारोगा नीरज कुमार ने पहले लेफ्टिनेंट कर्नल को मकान बनाने से रोका और पांच लाख रुपये की मांग की. रुपये नहीं मिलने पर पुलिस ने लेफ्टिनेंट कर्नल अमित रंजन व उनके मुंशी चंदन कुमार को गिरफ्तार कर लिया और थाने ले आयी. इसके बाद दोनों को छोड़ने के एवज में थाना परिसर में ही गाड़ी में बैठकर 90 हजार रुपये ले लिये. यह वाक्या बीते 23 अप्रैल का है.
पीड़ित लेफ्टिनेंट कर्नल के परिजनों ने इसकी शिकायत पुलिस के वरीय अधिकारियों से की. मामला सामने आने के बाद एसएसपी राजीव मिश्रा ने पूरे मामले की जांच डीएसपी विधि व्यवस्था से करवायी. जांच के दौरान थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे सहित मोबाइल के कॉल डिटेल व कुछ स्क्रीन शॉट मिले. यह बात सामने आयी कि थानेदार पर लगे आरोप सही हैं.
एसएसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि राजीवनगर के थानाध्यक्ष नीरज कुमार के खिलाफ गाड़ी में 90 हजार रुपये लेने के साक्ष्य मिले हैं. उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. किसी भी कीमत पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. ज्ञात हो कि आवास बोर्ड की जमीन पर मकान बनवाने के नाम पर रुपये वसूली और नहीं देने वालों को गिरफ्तार करने का खेल काफी दिनों से चल रहा था.
पैसा मिलने के 6 मिनट बाद थाने से छोड़ दिया
पुलिस अधिकारियों ने जब इस मामले की जांच की तो पता चला कि 23 अप्रैल को गश्ती कर रहे दारोगा शंभू शंकर सिंह ने लेफ्टिनेंट कर्नल व उनके मुंशी को गिरफ्तार किया था. दिन में 11 बजकर 54 मिनट पर वे दोनों को थाने लाये. लेफ्टिनेंट कर्नल व मुंशी को छोड़ने की डील 90 हजार रुपये में तय हुई. इसके बाद थानाध्यक्ष थाने में लगी गाड़ी में बैठ गये. रात 10 बजकर 58 मिनट पर रुपये वसूले गये और फिर 11 बजकर चार मिनट पर ही लेफ्टिनेंट कर्नल व उनके मुंशी को छोड़ दिया गया.