कटिहार के अमदाबाद प्रखंड क्षेत्र स्थित प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय,बच्चों की शिक्षा अधर में लटकी

Update: 2023-06-27 07:18 GMT
कटिहार के अमदाबाद प्रखंड क्षेत्र स्थित प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में पठन-पाठन की व्यवस्था दुरुस्त नहीं होने की वजह से बच्चों की शिक्षा अधर में लटकी है. बता दें कि कई दशक से अमदाबाद क्षेत्र के प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में पठन-पाठन का कार्य चल रहा है, लेकिन विगत कई वर्षों से बच्चे शिक्षा व्यवस्था की बदहाली से जूझ रहे हैं. बड़ी बात यह है कि प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय का ना अपना भवन है और ना ही अपना जमीन, जिस वजह से बच्चों का पठन-पाठन बाधित हो रहा है. जानकारी के अनुसार विद्यालय में लगभग 400 बच्चे नामांकित हैं, जिसमें सिर्फ तीन ही शिक्षक पदस्थापित हैं. कह सकते हैं कि महज 3 शिक्षकों के बदौलत पूरा स्कूल चल रहा है.
बिना भवन चल रहा स्कूल
हालांकि प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय के प्रांगण में बीते कुछ वर्ष पूर्व भवन का निर्माण कराया गया था, लेकिन वह भी भवन तब से ही अधूरा पड़ा है. भवन के चारों तरफ कचरे का अंबार लगा है. देखरेख के अभाव में विद्यालय के भवन जानवर का बसेरा हो गया. इस संदर्भ में स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक वरुण देव सिंह बताते हैं कि यह स्कूल दूसरे स्कूल के भवन में चल रहा है. इस विद्यालय का कोई अपना भवन नहीं है और ना ही विद्यालय की अपनी जमीन है. वहीं, प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय में बालिकाएं पढ़ती हैं. जिसके कारण उन्हें बगल के विद्यालय में बच्चों का क्लास लेना पड़ता है. उन्होंने आगे बताया कि इस विद्यालय में लगभग 400 बालिकाएं नामांकित है, जिसमें केवल तीन ही शिक्षक पदस्थापित है.
तीन शिक्षकों के भरोसे चल रहा स्कूल
जिसके कारण पठन-पाठन की समस्या में काफी बाधा आती है. इसको लेकर उन्होंने कई बार वरीय पदाधिकारी को जानकारी भी दी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हो पाया है. बहरहाल, विद्यालय में पढ़ने वाले बालिकाओं की शिक्षा अभी भी अधर में लटकी है . जहां एक तरफ सरकार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ का नारा दे रही है. इस संदर्भ में विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाएं बताती हैं कि वे लोग जिस विद्यालय में पढ़ते हैं, उस विद्यालय को अपना भवन नहीं है और शिक्षक की भी कमी है. साथ ही साथ विद्यालय में पढ़ाई नहीं होने की वजह से उन्हें बाहर किसी गैर सरकारी संस्था यानी कोचिंग का सहायता लेना पड़ रहा है. वहां उन्हें बाहर कोचिंग संस्थान में पैसे भी देने पड़ते हैं . जबकि सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कई तरह की योजनाओं को धरातल पर लाई है. ताकि क्षेत्र में पढ़ने वाले बच्चों की शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त किया जा सके, लेकिन विद्यालय में भवन नहीं रहने की वजह से बच्चों की शिक्षा अधर में लटकी है.
बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ पर उठे सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब इस संदर्भ में बरिया अधिकारी को सूचित किया गया है तो अब तक इस पर संज्ञान क्यूं नहीं लिया गया? सवाल यह भी है की 400 विद्यार्थी में सिर्फ तीन ही शिक्षक क्यूं? क्या वरीय अधिकारी भी इसे देख अनदेखा कर रहे हैं? सवाल यह भी है की आखिर हर साल इस विद्यालय से लगभग 400 विद्यार्थी अधूरी शिक्षा लेकर निकलते हैं, बच्चों के अधूरे भविष्य के जिम्मेदार कौन? क्या अमदाबाद में बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ विफल साबित हो रहा?
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