पटना को स्वच्छ और सुंदर बनाएगी निजी एजेंसी, स्वच्छ सर्वेक्षण रैंक में सुधार के लिए पटना नगर निगम की ये है योजना, जानिए

पटना को स्वच्छ और सुंदर बनाएगी निजी एजेंसी

Update: 2022-08-05 15:27 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश भर के शहरों को कई मानकों के अनुरूप हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण के आधार पर रैंकिंग दी जाती है. बीते कुछ सालों में पटना की रैंकिंग अच्छी नहीं रही. मगर स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में पटना शहर की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए अभी से योजना बनाई जा रही है. इसके लिए पटना नगर निगम ने अभी से कमर कस ली है. पटना नगर निगम ने प्लान भी तैयार कर लिया है, इसके तहत प्रोजेक्ट के डॉक्यूमेंटेशन और प्लानिंग के लिए एक प्राइवेट एजेंसी को शामिल करने का फैसला लिया गया है. ये प्राइवेट एजेंसी पटना वासियों के बीच स्वच्छता को लेकर जागरूकता पैदा करने के अलावा शहर में सफाई की स्थिति को बेहतर बनाने, सिविक सर्विसेज की डिलिवरी करने और नागरिकों की भागीदारी पर काम करेगी.

पटना नगर निगम के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक प्राइवेट एजेंसी 'बोली प्रक्रिया' के तहत हायर की जाएंगी, ये प्रकिया शुरू कर दी गई है और अब तक तीन कंपनियों ने इसमें दिलचस्पी भी दिखाई है. एक सप्ताह के भीतर प्राइवेट एजेंसी का चयन कर लिया जाएगा. इन एजेंसियों को केंद्र सरकार द्वारा रेखांकित सभी मापदंडों पर काम करते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण में पटना की ओवरऑल रैंकिंग में सुधार के लिए योजना तैयार करने और उसके क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने का काम दिया जाएगा.
आपको बताते चलें कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय से दिशा-निर्देश मिलने के बाद निगम ने तैयारी शुरू कर दी है. पीएमसी के एक अधिकारी ने कहा कि, "स्कोरिंग पैटर्न में कुछ बदलाव किए गए हैं और प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, डोर-टू-डोर कचरा संग्रह और सार्वजनिक शौचालयों की उपलब्धता को अधिक वेटेज दिया गया है इस साल, देश के शहरों का मूल्यांकन 9,500 अंकों के आधार पर किया जाएगा, जबकि पिछले साल के सर्वे में 7,500 अंकों के आधार पर मूल्यांकन किया गया था." अब देखना यह है कि प्राइवेट एजेंसियों के काम से पटना शहर कितना स्वच्छ हो पाता है और यहां के नागरिको को कितनी जागरुकता मिल पाती है.


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