पुलिस ने बिहार-झारखंड के सीमावर्ती इलाके में ड्रोन की मदद से शराब कारोबारियों के खिलाफ की छापेमारी

फतेहपुर थाने की पुलिस ने बिहार-झारखंड के सीमावर्ती इलाके में ड्रोन की मदद से शराब कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाया.

Update: 2022-03-11 09:35 GMT

फतेहपुर थाने की पुलिस ने बिहार-झारखंड के सीमावर्ती इलाके में ड्रोन की मदद से शराब कारोबारियों के खिलाफ अभियान चलाया. अभियान का नेतृत्व वजीरगंज कैंप डीएसपी घूरन मंडल ने किया. झारखंड के चौपारण थाना क्षेत्र के बोकाड जंगल में ड्रोन की मदद से शराब बनाने वाले स्थल की पहचान की. जंगल में चट्टान के ऊपर शराब तस्करों के द्वारा कई शराब भट्ठी का निर्माण कर बड़े पैमाने पर शराब का निर्माण किया जा रहा है. मौके पर पहुंची पुलिस ने 17000 किलो जावा महुआ फूल व 300 लीटर देसी शराब को पुलिस ने नष्ट कर दिया. वहीं बुधवार को फतेहपुर पुलिस ने बहेरा गांव के बधार से आठ सौ लीटर देशी महुआ शराब के साथ दो बाइक को पुलिस ने जब्त किया.

जगह-जगह जब्त हुई शराब
पुलिस ने गुरुआ के नौडीहा में 10 लीटर शराब के साथ एक महिला को पकड़ा. टिकारी में नशे में हंगामा करते एक को पकड़ा गया, वहीं ऑटो से 50 लीटर शराब के साथ दो धराये. वहीं, हटिया-पूर्णिया एक्सप्रेस ट्रेन से तीन बोतल शराब जब्त की गयी. खिजरसराय के जोलबिगहा गांव में छापेमारी कर नौ लीटर शराब बरामद कर महिला को पकड़ा गया. शेरघाटी की सोने खाप कॉलोनी के पास से 10 लीटर महुआ न शराब के साथ झारखंड के धंधेबाज को गिरफ्तार किया गया. गया के मगध मेडिकल थाने की पुलिस ने धरमपुर गांव के पास से 10 लीटर शराब के साथ एक महिला को गिरफ्तार किया.
राजस्थान से आये अधिकारियों ने की डीएम व एसएसपी से मुलाकात
गया. डीएम डॉ त्यागराजन व एसएसपी हरप्रीत कौर की अध्यक्षता में सर्किट हाउस में गुरुवार को बैठक हुई. इसमें राजस्थान से आये उत्पाद विभाग के अधिकारियों ने बिहार में लागू मद्य निषेध कानून से संबंधित बिंदुओं व प्रभावों से जुड़ी बातों पर जानकारी ली. इस दौरान डीएम ने राजस्थान के अध्ययन दल को बिहार में शराबबंदी कानून के संबंध में विस्तार से अवगत कराया गया. डीएम ने कहा कि बिहार में शराबबंदी होने से शहरी क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को भी काफी फायदा हुआ है.
शराबबंदी के पहले शराब से कई जिंदगी बर्बाद होती थी. परंतु जबसे शराबबंदी हुई है. इसमें काफी गिरावट आयी है. घरेलू हिंसा में भी काफी कमी आयी है. उन्होंने बताया कि पूरे बिहार में शराबबंदी से पुरुषों के मुकाबले महिलाएं अत्यधिक खुश हैं. शराब के कारोबार में जुड़े हुए व्यक्तियों को चिह्नित कर उन्हें रोजगार मुहैया कराते हुए उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है. इस दौरान राजस्थान की टीम को नीरा उत्पादन से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाया गया.
डीएम ने बताया कि गया जिला में नीरा का पर्याप्त मात्रा में उत्पादन किया जा रहा है. गया जिला में ताड़ का पेड़ सबसे अधिक संख्या में है. उन्होंने बताया कि जीविका के माध्यम से पासी समुदाय तथा अन्य लोगों को नीरा उत्पादन से जोड़ा जा रहा है. इच्छुक परिवारों को लगातार ट्रेनिंग भी दी जा रही है. इस दौरान राजस्थान की टीम को नीरा से बना पेड़ा चखाया गया व नीरा रस को पिलाया गया. टीम ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वे पहली बार नीरा पी रहे हैं.
बिहार में शराबबंदी को बताया रोल मॉडल : डोभी. राजस्थान में शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा भारती छावड़ा के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम बिहार में पूर्ण शराबबंदी पर अध्ययन करने के पहुंची है. टीम ने गुरुवार को डोभी के सागर जीविका महिला संकुल स्तरीय संघ के कलस्टर सेंटर कोठवारा में जीविका दीदियों से शराबबंदी पर चर्चा की.


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