सीएम हाउस में नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले को पुलिस ने किया गिरफ्तार, खुद को रॉ और एनआईए का अधिकारी बताता था, ऐसे खुली पोल
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सीएम हाउस में वीडियोग्राफर की नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले एक बड़े जालसाज अनिल कुमार सिंह को पाटलिपुत्र थाने की पुलिस ने नेहरूनगर इलाके से धर दबोचा। वह नेहरूनगर के आरडी टावर के ए-15 में रहता है। गुरुवार को साईं मंदिर के समीप ठगी शिकाय युवक ने ही उसे पकड़ा।
शोर-शराबा होने पर पुलिस पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपित के पास से सीएम हाउस, डीजीपी, आईजीआईएमएस की दो-दो मुहर बरामद की गई। इसके अलावा दरभंगा के एसएसपी बाबू राम के नाम का एक मुहर लगा कागज भी मिला। डिप्टी सीएम के नाम का विधानसभा सदस्य 227 दमालगंज, गया लिखा एक लेटर पैड भी बरामद किया गया।
पाटलिपुत्र थानेदार एसके शाही ने बताया कि अनिल पर लखनऊ में एक लड़की को छत से फेंककर हत्या करने की एफआईआर दर्ज है। अनिल द्वारा ठगे गए मूल रूप से मनेर के रहने वाले विवेक कुमार ने बताया कि एक साल पहले उसकी मुलाकात अनिल से हुई थी। उसने सीएम हाउस में नौकरी दिलवाने के नाम पर उससे एक लाख रुपये और एक लैपटॉप ले लिया। जब नौकरी नहीं लगी तो शक हुआ और वह उससे अपने पैसे की मांग करने लगा तो अनिल ने अपना मोबाइल ही बंद कर लिया।
पीड़ित को देख भागने लगा ठग लेकिन...
विवेक साईं मंदिर के समीप से जा रहा था। उसी वक्त उसकी नजर अनिल पर पड़ी। उसने अनिल को पकड़ा तो आसपास के लोग जमा हो गये। दोनों के बीच मारपीट होने लगी। इतने में पाटलिपुत्र थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को लेकर थाने चली आयी। वहां पीड़ित विवेक ने बताया कि अनिल ने उससे सीएम हाउस में नौकरी लगवाने के नाम पर एक लाख रुपये लिये थे। यह सुनकर पुलिस चौंकी। मामले को गंभीरता से लेते हुये फौरन पाटलिपुत्र थानेदार ने आरोपित के घर छापेमारी की। इस दौरान वहां से फर्जी कागजात बरामद किये गये।
मजिस्ट्रेट का मुहर लगा फर्जी आईकार्ड दिया
ठग अनिल ने भरोसे में लेने के लिए विवेक को जूडिशियल मजिस्ट्रेट का मुहर लगा एक फर्जी पहचान पत्र दिया था। इसे देकर उसने विवेक से सीएम हाउस में जाकर योगदान देने को कहा। इसके बाद विवेक को पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है।
मोबाइल और बैंक खातों की होगी जांच
पुलिस ने आरोपित अनिल का मोबाइल जब्त कर लिया है। बकौल थानेदार इस पहलू पर जांच की जायेगी कि वह किन-किन लोगों से बात करता था। पुलिस ठग के बैंक खातों को भी खंगालेगी। यह भी पता लगाया जा रहा है कि अब तक कितने लोगों के साथ इसने ठगी की है। जालसाज अनिल सिंह कभी रॉ तो कभी एनआईए का अधिकारी बन जाता था। युवकों को भरोसा दिलवाने के लिए वह सरकारी कार्यालयों और अफसरों के नाम का फर्जी मुहर इस्तेमाल करता था।
पुलिस महकमे में बहाली के नाम पर भी ठगी
दरभंगा एसएसपी बाबूराम का मुहर मारा फर्जी पैड बरामद होने के बाद यह कयास लगाये जा रहे हैं कि जालसाज पुलिस मकहमे में भी नौकरी दिलवाने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करता होगा। छानबीन पूरी होने के बाद अन्य बातों का खुलासा होगा।