प्लेटलेट्स नहीं घटने के बाद भी चपेट में आ रहे लोग
रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी पीछा नहीं छोड़ रहा
भागलपुर: भागलपुर में डेंगू का डंक लगातार जारी है. आलम यह है कि मायागंज व सदर अस्पताल के अलावा शहर के निजी क्लीनिक में भी बड़ी संख्या में डेंगू मरीज भर्ती हैं. हैरान करने वाली बात यह है कि जिन लोगों की डेंगू जांच रिपोर्ट निगेटिव आ रही है, उनका पीछा भी डेंगू नहीं छोड़ रहा है. ठीक होने के बाद दोबारा लोग डेंगू की चपेट में आ जा रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि इस बदलते मौसम में डेंगू मरीजों के अलावा स्वस्थ होकर घर लौटे लोगों की खास देखभाल जरूरी है.
प्लेटलेट्स नहीं घटने के बाद भी चपेट में आ रहे लोग चिकित्सकों के अनुसार डेंगू मरीजों में रोज नये-नये लक्षण सामने आ रहे हैं. मरीजों में सिर दर्द, बुखार, शरीर में ऐंठन व दर्द और भूख नहीं लगना आदि डेंगू के पारंपरिक लक्षण थे. वर्तमान में सर्दी-खांसी और कमजोरी का इलाज कराने आए मरीज भी जांच में डेंगू पीड़ित मिल रहे हैं. कई लोगों की सीबीसी जांच में प्लेटलेट्स की संख्या 1,98,000 से लेकर 2,00,000 तक भी है. लेकिन उन्हें कमजोरी और सर्दी-खांसी होने है. जांच में ऐसे लोग डेंगू पॉजीटिव मिल रहे हैं. मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी डेंगू उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है. तिलकामांझी स्थित एक निजी अस्पताल में करीब 15 दिनों पहले सुरखीकल की एक डेंगू मरीज भर्ती हुई थी. उपचार के बाद उसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गई. लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से उसे डेंगू हो गया. मैनुअल जांच में अगर प्लेटलेट्स 50 हजार तक भी पाया जा रहा है, तो उन्हें एहतियात बरतने की सलाह दी जाती है. डॉ. पंकज ने बताया कि अभी हाल ही में अस्पताल पहुंची अकबरनगर की एक युवती में ऐसे ही लक्षण पाये गए. मौजूद हालात में डेंगू मरीजों के साथ-साथ स्वस्थ होकर घर लौटे मरीजों की भी खास देखभाल करनी चाहिए.
कोई लक्षण नहीं मिलने पर भी घट रहे प्लेटलेट्स
सदर अस्पताल के फिजिशियन डॉ. पंकज कुमार यादव ने बताया कि इस बार लगातार डेंगू मरीजों में नये-नये लक्षण देखने को मिल रहे हैं. अस्पतालों में कई मरीज ऐसे भी जिन्हें महज पेट खराब और पेट में दर्द (लूज स्टूल) की शिकायत मिल रहे हैं. लेकिन जांच में ऐसे मरीज डेंगू पीड़ित होते हैं. कई बार कोई लक्षण नहीं मिलने पर भी जांच में लोगों के प्लेटलेट्स काउंट 25 हजार से 30 हजार तक मिल रहे हैं. ऐसी स्थिति में मरीजों की मैनुअल जांच करानी पड़ रही है.