Patna: सेंटअप में उत्तीर्ण विद्यार्थी ही मुख्य परीक्षा में होंगे शामिल

परीक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले विद्यार्थी शामिल होंगे.

Update: 2024-11-07 03:34 GMT

पटना: बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर में इंटरमीडिएट सेंटअप परीक्षा ली जाएगी. इसके मान्यता प्राप्त प्लस टू विद्यालयों में तैयारियां शुरू हो चुकी है. परीक्षा होगी. समिति ने परीक्षा शुरू होने की तिथि की सूचना जारी कर दी है. बोर्ड की ओर से विषयवार सैद्धांतिक और प्रायोगिक परीक्षा की तिथि की भी जल्द जानकारी दी जाएगी. परीक्षा में 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले विद्यार्थी शामिल होंगे.

सेंटअप परीक्षा में उत्तीर्ण विद्यार्थी मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे. परीक्षा प्लस टू विद्यालय, महाविद्यालय स्तर पर संचालित होगी.सभी डीईओ प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया जाएगा

समिति ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को इस संबंध में पत्र लिखा है. बोर्ड ने कहा है कि जांच परीक्षा आयोजन के लिए गोपनीय एजेंसी की ओर से सभी डीईओ को प्रश्न पत्र उपलब्ध करा दिया जाएगा. डीईओ एजेंसी के प्रतिनिधि से प्रश्न-पत्र प्राप्त कर उन्हें प्राप्ति रशीद देंगे और उसे सुरक्षित रखेंगे. वहीं बोर्ड ने सभी डीईओ को प्लस टू विद्यालय, महाविद्यालय के प्रधानों को प्रश्न-पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. बोर्ड ने कहा है कि किसी भी परिस्थिति में परीक्षा प्रारंभ होने से पहले प्रश्न पत्र लीक न हो इसकी जिम्मेवारी शिक्षण संस्थानों के प्रधान की होगी.

स्कूल में नहीं लगा है कम्यूटर, शिक्षक तैनात

प्रखंड मुख्यालय से चार किलोमीटर दूर स्थित गोंदूबिगहा हाईस्कूल अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. कई सालों से मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ शिक्षकों की कमी का भी दंश यह स्कूल झेल रहा है.

हद तो यह कि स्कूल में एक भी कम्प्यूटर उपलब्ध नहीं है पर कम्पयूटर शिक्षक तैनात हैं. जबकि, रसायन शास्त्रत्त्, भौतिकी व जीव विज्ञान के एक भी शिक्षक पदस्थापित नहीं हैं. छात्रों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. प्राचार्य निर्मला कुमारी ने बताया कि मध्य विद्यालय में 280 तो हाईस्कूल में 66 विद्यार्थी नामांकित हैं. लेकिन, इन्हें गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई कराने के लिए विषयवार शिक्षक ही नहीं हैं. हाईस्कूल में प्रयोगशाला की सुविधा भी नहीं है. हालांकि, स्कूल की सुरक्षा के लिए रात्रि प्रहरी तैनात हैं. एचएम ने बताया कि विद्यालय में खेल का मैदान भी नहीं है. साथ ही, चहारदीवारी नहीं रहने की वजह से विद्यालय सुरक्षित भी नहीं है. स्कूल अवधि में भी लोगों का आवागमन लगा रहता है. ऐसे में शिक्षा का माहौल बनाना चुनौती बना हुआ है. स्कूल के चार तरफ गंदगी का भी अंबार लगा रहता है.

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