Patna: अतिक्रमण और अवैध पार्किंग से मुक्ति के लिए नई पहल की गई

एडीएम नगर व्यवस्था समेत 42 नए पदों का सृजन किया जाएगा

Update: 2024-11-23 07:50 GMT

पटना: शहरी क्षेत्र में फैली अव्यवस्था ठीक करने की नई पहल की गई है. अवैध पार्किंग, अतिक्रमण और वेंडिंग जोन की अव्यवस्था से लोगों को निजात दिलाने के लिए एकीकृत शहरी प्रबंधन इकाई गठित होगी. यह पटना के डीएम के नियंत्रण में काम करेगा और अपर जिला दंडाधिकारी (नगर व्यवस्था) के नेतृत्व में एकीकृत टीम 24 घंटे निगरानी करेगी. इसके लिए एडीएम नगर व्यवस्था समेत 42 नए पदों का सृजन किया जाएगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिपरिषद ने इस प्रस्ताव पर सहमति प्रदान की. सामान्य प्रशासन विभाग के अंतर्गत लिये गए निर्णय के तहत इसके लिए 42 नये पदों को स्वीकृति दी गई है. इसमें बिहार प्रशासनिक सेवा के अपर समाहर्ता स्तर के अपर जिला दंडाधिकारी (नगर व्यवस्था), पटना का एक पद, बिहार समाहरणालय लिपिकीय संवर्ग के 19 पद, बिहार वाहन चालक संवर्ग के आठ पद और बिहार कार्यालय परिचारी, परिचारी (विशिष्ट) संवर्ग के 14 पदों के सृजन को स्वीकृति दी गयी है. डीएम के नियंत्रण में शहरी क्षेत्र के लिए एकीकृत शहरी प्रबंधन इकाई का एक सूत्री काम होगा शहरी व्यवस्था की निगरानी करना. शहरी प्रबंधन इकाई के अधीन तीन टीमें बनेंगी. हर टीम में 60 महिला और पुरुष पुलिस बल रहेंगे. यानी शहरी प्रबंधन इकाई के पास 180 पुलिस बल की क्षमता होगी. तीनों टीम के लिए क्षेत्र भी बांट दिया गया है.

डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि मुख्य रूप से नगर व्यवस्था को बनाए रखना एकीकृत प्रबंधन इकाई की जिम्मेदारी होगी, जो पार्किंग, वेंडिंग जोन और अतिक्रमण से फैली अव्यवस्था को ठीक करेगी. इस इकाई में एक एडीएम नगर व्यवस्था होंगे, जिनके अधीन तीन नगर दंडाधिकारी, तीन डीएसपी और तीन नगर निगम के पदाधिकारी होंगे.

तीन हिस्सों में बांटा जाएगा शहरी क्षेत्र को: डीएम ने बताया कि शहरी प्रबंधन इकाई के तहत शहरी क्षेत्र को तीन हिस्से बांट कर तीनो टीम को उनके क्षेत्र की जिम्मेवारी दी जाएगी. एक टीम के अधीन पटना सिटी क्षेत्र, दूसरी के अधीन पटना सदर क्षेत्र और तीसरी के अधीन दानापुर, खगौल और फुलवारीशरीफ क्षेत्र रहेगा. हर टीम के साथ एकीकृत पुलिस पदाधिकारी, एसआई और एएसआई समेत पुलिस बल रहेंगे. शहर का विस्तार तेजी से हो रहा है. ऐसे में एकीकृत शहरी प्रबंधन इकाई काफी कारगर साबित होगा. ऐसा होने से जिला प्रशासन को काफी राहत मिलेगी और व्यवस्था ठीक करने पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी. नियमित तौर पर शहरी व्यवस्था को बनाए रखने के लिए शहरी प्रबंधन इकाई काम करेगी.

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