पटना : हड़ताल खत्म करने को लेकर विफल हुई वार्ता, सफाईकर्मियों की हड़ताल से बढ़ी परेशानी
राजधानी पटना की हालत इन दिनों नरक जैसी हो गई है। सफाईकर्मियों की हड़ताल की वजह से पटना में हर तरफ कचरा फैला हुआ दिख रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी पटना की हालत इन दिनों नरक जैसी हो गई है। सफाईकर्मियों की हड़ताल की वजह से पटना में हर तरफ कचरा फैला हुआ दिख रहा है। लोगों के घरों में कूड़े का अंबार लगा है तो वहीं सड़क पर कचरे की वजह से चलना दूभर हो रहा है। नगर निगम के सफाईकर्मियों की हड़ताल खत्म कराने का तीसरा प्रयास भी विफल हो गया। शनिवार को नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर के साथ कर्मचारी संघ के प्रतिनिधिमंडल की दो घंटे बैठक चली लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया। इस वार्ता में मुख्य मांगों पर बात नहीं बन पाई, जिस कारण संघ ने हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया है।
हड़ताली कर्मियों के सामने सरकार ने सातवां वेतनमान देने पर सहमति दी। प्रधान सचिव ने कहा कि अगर नगर निकाय अपने संसाधन से दैनिक सफाईकर्मियों को 7वां वेतनमान देना चाहते हैं, तो विभाग को कोई आपत्ति नहीं होगी। लेकिन, बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा और बिहार राज्य निकाय कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी समान काम के बदले समान वेतन और ग्रुप घ के खत्म किए गए पदों को फिर से बहाल करके सफाईकर्मियों के नियमित करने की मांग पर अड़े रहे। सरकार ने इन मांगों को मानने से इनकार कर दिया। बैठक में मोर्चा के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह, महामंत्री श्यामलाल प्रसाद, अमृत प्रसाद, रामयतन प्रसाद, मंगल पासवान, अशोक कुमार सिंह, आरएन ठाकुर, शिव बच्चन शर्मा, अशोक कुमार राय और नीरज वर्मा शामिल रहे।
हड़ताल के बीच नगर निगम की तरफ से दावा किया जा रहा है कि दो पालियों में कूड़ा उठाव, डोर टू डोर सफाई और मशीनों से शहर की सफाई की जा रही है। हालांकि यह दावा जमीन पर दिखता नहीं है। उधर शनिवार रात सफाई कर्मियों से मारपीट करने के आरोप में पाटलिपुत्र अंचल के चार नामजद और कई अज्ञात पर एफआईआर दर्ज कराई गई है। 4-5 कर्मियों के साथ मारपीट हुई है जिनमें एक गंभीर रूप से घायल है। कंकड़बाग अंचल में भी एक शख्स पर केस दर्ज किया गया है। बड़ा सवाल यह है की आखिर हड़ताल कब खत्म होगी और पटना के लोगों को राहत कब मिलेगी?