पटना किड्स को होमवर्क में पाठ पाठन की प्रकृति, प्रतिदिन पढ़ने वाले विषय और पाठ्य से दिया जाता है होमवर्क

प्रतिदिन पढ़ने वाले विषय और पाठ्य से दिया जाता है होमवर्क

Update: 2023-10-02 06:12 GMT
बिहार शिक्षा विभाग के निए फरमान में विद्यार्थियों को प्रतिदिन होमवर्क देने और साथ ही छात्र-छात्राएं होमवर्क पूरा करके आ रहे कि नहीं इसकी नियमित रूप से जांव करने का भी निर्देश प्राइमरी से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रबंधन को दिया गया है.
हालांकि विद्यालय प्रबंधन इसे नया निर्देश नहीं मान रहे हैं. उनका कहना है कि गुणवत्तापूण्र शिक्षा प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए सामान्य पठन-पाठन की स्वाभाविक प्रक्रिया है, सभी वर्गों के बच्चों को होमवर्क देना. साथ ही अगले दिन इसकी गहनता से जांच करना भी कि बच्चे इस होमवर्क को कितना पूरा किए हैं, और नहीं किए तो संबंधित सवाल को हल करने में वह सक्षम नहीं थे या फिर उन्होंने होमवर्क को करना जरूरी नहीं समझा.
प्रत्येक वर्क होमवर्क पहले से ही दिया जाता
वहीं मिडिल स्कूल आदमपुर रघुनाथपुर के प्रधानाध्यापक राकेश कुमार सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्क होमवर्क पहले से ही दिया जाता है. उस दिन जो पाठ्य पढ़ाए गए होते हैं, उसी में से सवाल दिया जाता है. प्राइमरी स्कूल निखती खुर्द के प्रधानाध्यापक आनंद कुमार सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों को प्रतिदिन होमवर्क देने का फरमान कोई नई बात नहीं है. जो बच्चे होमवर्क करके नहीं आते उनके बारे में अभिभावक गोष्ठी में संबंधित अभिभावक को इसकी जानकारी दी जाती है. अभिभावक गोष्ठी का उद्देश्य ही क्लास रूम से लेकर स्कूल आने-जाने तक की गतिविधियों से बच्चों के अभिभावकों को अवगत कराना होता है. साथ ही जो कमी होती है, उसे कैसे पूरा किया जाए इसके लिए आगामी कार्ययोजना के अनुसार मिलकर कार्य करना. वहीं अभिभावक आनंद कुमार, सुलेखा वर्मा, मीनू कुमारी आदि ने बताया कि बड़े क्लास के बच्चे स्वयं संध्या की पढ़ाई शुरू करते ही होमवर्क सबसे पहले बनाते हैं.
हालांकि नीचे क्लास के बच्चों को होमवर्क कराने के लिए अभिभावकों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है. अभिभावक रौशनी सिंह ने बताया कि नीचे क्लास में ही ज्यादातर होमवर्क मिलता है.
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