पटना हाईकोर्ट ने कहा- BSSC इंटरस्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया में शामिल करें
इंटरस्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों द्वारा गैर क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र जमा न करने पर उन्हें नौकरी की दावेदारी से वंचित नहीं किया जा सकता।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इंटरस्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों द्वारा गैर क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र जमा न करने पर उन्हें नौकरी की दावेदारी से वंचित नहीं किया जा सकता। पटना हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई के बाद ऐसे सभी उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की एकलपीठ ने मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग को 23 अगस्त तक जवाबी हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। आवेदकों की ओर से अधिवक्ता राशिद इजहार ने कोर्ट को बताया कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने 2019 में विज्ञापन जारी कर आवेदन मांगा। आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों को कट ऑफ डेट के बाद बना नया गैर क्रीमी लेयर प्रमाण पत्र जमा करना था। इसी बीच कोरोना आ जाने के कारण वे प्रमाण पत्र जमा नहीं कर सके। अब पुराना प्रमाण पत्र को आयोग मानने से इनकार कर रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट के फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाना चाहिए।
उधर, आयोग ने उम्मीदवारों की अर्जी का विरोध करते हुए इसे खारिज करने की गुहार लगाई। कोर्ट ने गैर क्रीमी लेयर प्रमाणपत्र के आधार पर आपत्ति नहीं करने का आदेश दिया। साथ ही उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया में शामिल करने को कहा। साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चयन प्रक्रिया में शामिल किये जाने से उम्मीदवार चयन का अधिकारी नहीं होगा। उनकी उम्मीदवारी इस केस के अंतिम परिणाम पर निर्भर करेगी। कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 23 अगस्त तय की।