Patna: एफसीआई के पूर्व प्रबंधक को ढाई साल की सजा

Update: 2024-11-23 08:53 GMT

पटना: सीबीआई की विशेष न्यायालय ने घूसखोरी के मामले में मुजफ्फरपुर स्थित एफसीआई (भारतीय खाद्य निगम) के पूर्व प्रबंधक (सामान्य) को सजा सुनाई है. प्रबंधक नागेंद्र प्रसाद सिंह को ढाई साल कारावास और 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है.

दरअसल, केंद्रीय जांच एजेंसी ने पूर्व प्रबंधक के खिलाफ 19 मार्च, 2010 को मामला दर्ज कर जांच की थी. उन पर शिकायत है कि दाउदनगर के एक व्यक्ति का बिल पास करने के लिए पांच हजार रुपये की घूस मांगी थी. इस शिकायत के बाद सीबीआई ने नागेंद्र प्रसाद सिंह को घूस लेते गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले की जांच पूरी करने के बाद 28 सितंबर, 2010 को केंद्रीय एजेंसी ने चार्जशीट दायर की थी.

इसके बाद मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद विशेष न्यायालय ने उन्हें दोषी पाते हुए सजा सुनाई है.

झूठा श्रेय लेने की कोशिश में तेजस्वी नवल

जदयू प्रदेश प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव झूठा श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा कर वह खुद को हास्य का पात्र बना रहे. उन्होंने जारी बयान में कहा है कि सभी जानते हैं कि राज्य सरकार के सारे निर्णय मुख्यमंत्री लेते हैं. सरकार का नीतिगत निर्णय कैबिनेट से होता है, जिसके मुखिया मुख्यमंत्री होते हैं. वहीं, बार-बार तेजस्वी यादव सरकार की कई उपलब्धियों पर अपना श्रेय लेने की नाकाम प्रयास में जुटे हैं.

13 अफसर तकनीकी सेवा आयोग में प्रतिनियुक्त

राज्य में व्यवसाय अनुदेशक के विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए बिहार प्रशासनिक सेवा के 13 पदाधिकारियों को बिहार तकनीकी सेवा चयन आयोग में प्रतिनियुक्त किया गया है. उनकी प्रतिनियुक्ति 18-19 के लिए की गयी है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी की गयी. सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों को आयोग कार्यालय में 18 को योगदान देने का निर्देश दिया गया है. कार्य समाप्ति के बाद सभी पदाधिकारी अपने मूल पद पर स्वत वापस लौट जाएंगे.

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