नालंदा न्यूज़: सीटी स्कैन की सुविधा सदर अस्पताल में बहाल है. बावजूद, सदर अस्पताल में रोगियों को इसके लिए बाहर भेजने का भंडाफोड़ हुआ है. बाजाप्ता रोगियों के पर्चे के साथ एक छोटी-सी पर्ची में संबंधित सीटी स्कैन सेंटर का नाम, पता व मोबाइल नंबर दिया जाता है. यह सारा खेल कमीशन का है.
सदर अस्पताल सीटी स्कैन सेंटर में रोजाना मात्र 10 से 12 रोगियों की ही जांच होती है. यानि, यहां भीड़ भी नहीं रहती है. साथ ही, एक ही परिसर में यह सुविधा उपलब्ध है. फिर भी रोगियों को बरगलाकर बाहर भेजा जा रहा है. जबकि, यहां बाहरी रोगियों के लिए भी रियायत दर पर सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है. सीएस डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने इस संबंध में बताया कि इसकी जांच करायी जाएगी. दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह खेल सीटी स्कैन या अन्य मामलों का ही नहीं है. बल्कि, प्रसव कक्ष के पास दिनभर आशा कार्यकर्ता व अन्य महिलाओं का जमघट लगा रहता है. भोले-भाले रोगियों को बरगलाकर निजी क्लीनिकों में भेज देते हैं. इसके लिए पूरा चैनल काम कर रहा है. मरीज के परिजन जैसे ही उनके झांसे में आते हैं, तुरंत टेम्पो चालक प्रसव कक्ष के पास आ जाता है. वह मरीज को लेकर निजी क्लीनिक में ले जाकर भर्ती करा देता है. दूसरी ओर, इनकी सांठ-गांठ दवा दुकानदारों से भी है. रोगी के परिजनों को वहीं से दवा लाने को कहते हैं, जहां से आशा को मोटी रकम मिलती है.
ऐसे में बिचौलियों की चांदी कट रही है. साथ ही, स्वास्थ्यकर्मी भी मालामाल हो रहे हैं.