भागलपुर न्यूज़: भागलपुर से दो वंदे मेट्रो और भागलपुर होकर एक-एक वंदे मेट्रो एवं वंदे भारत ट्रेन चलाने की पहल शुरू हो गई है. इसके लिए भागलपुर यार्ड में रैक मेंटेनेंस की तैयारी को लेकर कार्ययोजना बनायी जा रही है. भागलपुर से दो वंदे मेट्रो चलाने के लिए यार्ड में क्षमतावर्धन करने की जरूरत होगी. मुख्य रूप से यार्ड में ओवर हेड लाइन की जरूरत होगी जो अभी उपलब्ध नहीं है क्योंकि वंदे मेट्रो ट्रेन को पिट लाइन तक ले जाने के लिए ओवर हेड लाइन की जरूरत होती है. हालांकि इसके वैकल्पिक उपाय पर भी विचार किया जा रहा है. इसके अलावा मौजूदा पिट लाइन के अतिरिक्त भी पिट लाइन की जरूरत होगी.
भागलपुर में अभी दो पिट लाइन है और यार्ड रिमॉडलिंग का काम पूरा होने के बाद तीन पिट लाइन हो जाएगी. इससे एक साथ तीन-तीन ट्रेनों का मेंटेनेंस हो सकेगा. यह भागलपुर यार्ड के कोचिंग डिपो की क्षमता बढ़ा देगा. सिंक लाइन का काम पहले पूरा हो गया है. पिट लाइन बनने के बाद 24 कोच की एलएचबी रैक का मेंटेनेंस भी हो सकेगा. मतलब एलएचबी रैक की सबसे लंबी लेंथ वाली ट्रेन भी होगी तो उसका मेंटेनेंस भागलपुर में हो जाएगा. इसके अलावा वंदे मेट्रो और वंदे भारत जैसी ट्रेनों का भी मेंटेनेंस हो सकेगा. हालांकि वंदे मेट्रो ट्रेन की लंबाई कम होती है, इसलिए लंबी पिट लाइन की जरूरत नहीं होगी. जो तीन वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की कवायद हो रही है उसमें से सिर्फ भागलपुर-देवघर वंदे मेट्रो की ही भागलपुर में प्राइमरी मेंटेनेंस होने की संभावना है. क्योंकि एक वंदे मेट्रो मालदा से जमालपुर के बीच चलेगी जिसका प्राइमरी मेंटेनेंस मालदा में होने की संभावना है जबकि एक वंदे मेट्रो भागलपुर-हावड़ा के बीच चलायी जाएगी. इसका भी प्राइमरी मेंटेनेंस हावड़ा में होने की संभावना है. इसके अलावा भागलपुर होकर एक वंदे भारत मालदा-पटना के बीच चलाने की कवायद हो रही है.
व्हील लेथ मशीन और वॉशिंग प्लांट चल रहा है रेलवे यार्ड में सीक लाइन शेड और सीएनसी व्हली लेथ मशीन का उदघाटन भी जीएम कर चुके हैं. लिहाजा अब व्हली अलाइमेंट की गड़बड़ी होने पर कोच को बाहर भेजने की जरूरत नहीं है.