पटना न्यूज़: निगम के वरीय अधिकारियों के अनुसार इतनी संख्या में पहली बार एजेंसियों को नोटिस दिया गया है. नोटिस देने के पहले निगम की आंतरिक समीक्षा बैठक हुई. पाया गया कि 34 एजेंसियों की ओर से की जा रही दवा आपूर्ति में मानक का पालन नहीं किया जा रहा है. दवा की मांग करने के बाद इन कंपनियों की ओर से समय पर उसकी आपूर्ति भी नहीं की जा रही है. कुछ कंपनियां ऐसी भी हैं जो दवा की तिथि समाप्त होने पर उसको लौटाने में आनाकानी कर रही हैं. चूंकि बिहार सरकार अस्पतालों में उपचार कराने वाले मरीजों को 611 प्रकार की दवा निशुल्क आपूर्ति कर रही है. ऐसे में यह जरूरी है कि इन एजेंसियों की ओर से ससमय दवा की आपूर्ति की जाए. इसी के आलोक में तय हुआ कि दवा आपूर्ति में मानकों का ख्याल नहीं रखने वाली कंपनियों से जवाब मांगा जाए और 34 कंपनियों से स्पष्टीकरण की मांग की गई.
जवाब की होगी समीक्षा: निगम कंपनियों के जवाब का इंतजार कर रहा है. हरेक कंपनी के जवाब की गहन समीक्षा की जाएगी. देखा जाएगा कि इन कंपनियों ने मानक का ख्याल नहीं रखने पर भविष्य में क्या करने की बात कही है. साथ ही एक्सपायर्ड दवा के लेन-देन पर इन कंपनियों का क्या रुख है. अगर जवाब लोकहित से जुड़े हुए नहीं रहे तो इनके खिलाफ कार्रवाई तय है. अधिकारियों के अनुसार इन कंपनियों ने जिस स्तर की लापरवाही बरती है, ऐसे में अधिकतर के खिलाफ कार्रवाई तय है.
इन सभी एजेंसियों के खिलाफ अगर कार्रवाई की गई तो अस्पतालों में दवा आपूर्ति में कुछ समय के लिए परेशानी हो सकती है. दरअसल इन 34 एजेंसियों की ओर से लगभग 100 तरह की दवाएं आपूर्ति की जाती है. ऐसे में इनको काली सूची में डाला गया तो फिर से नई एजेंसियों के साथ निगम को करार करना होगा. इस कार्य में एकाध महीने लग सकते हैं. इस अवधि में अस्पतालों में की जाने वाली दवा आपूर्ति की प्रक्रिया बाधित हो सकती है.