नीतीश सरकार हर खेत तक बिजली कनेक्शन और पानी पहुंचाएगी, ये है प्लान
हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए राज्य के किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जाएगा।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर खेत तक पानी पहुंचाने के लिए राज्य के किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। इस मद में सरकार 1329 करोड़ खर्च करेगी। किसानों को बिजली कनेक्शन और हर खेत को सिंचाई उपलब्ध कराने के लिए ऊर्जा विभाग के बजट में इस बार सरकार ने 2915.97 करोड़ की वृद्धि की है। सोमवार को उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद की ओर से पेश बजट में सरकार ने इसकी घोषणा की है।
बजट प्रावधान के अनुसार किसानों को बिजली कनेक्शन देने की योजना पर काम जारी है। दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के तहत विद्युत उपकेंद्र व फीडरों को अलग किया जा रहा है। 293 पावर सब-स्टेशन में से 273 का काम पूरा कर लिया गया है। 1388 में से 1315 फीडर को कृषि के लिए अलग कर दिया गया है। ढाई लाख किसानों को कनेक्शन दिया जा चुका है। आगामी वित्तीय वर्ष में जरूरतमंद अन्य किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री विद्युत संबंध योजना के तहत किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है। मात्र 70 पैसे प्रति यूनिट की दर से ही किसानों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा रही है।
वहीं बिहार के शहरी क्षेत्रों में अभी स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। पांच लाख मीटर लग चुके हैं। देश में पहला राज्य बिहार है जहां इतनी संख्या में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। शहरी क्षेत्र में उत्साहवर्द्धक परिणाम आने पर ग्रामीण इलाकों में भी मीटर लगाया जाएगा। 2025 तक सबों को मीटर लगाने की योजना है। इस मद में सरकार 11 हजार करोड़ से अधिक खर्च करेगी। बिहार में अभी 154 ग्रिड और 17 हजार 120 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन है जिससे 13 हजार मेगावाट विद्युत निकासी क्षमता तैयार हो गई है। वर्ष 2022-23 में 176 ग्रिड सब-स्टेशन हो जाएंगे।
बक्सर के चौसा में बन रहा बिजली घर वित्तीय वर्ष 2023-24 में बनकर तैयार हो जाएगा। 1320 मेगावाट की इस बिजली परियोजना में बिहार को 85 फीसदी 1117 मेगावाट बिजली मिलेगी। लखीसराय के कजरा और भागलपुर के पीरपैंती में 450 मेगावाट की सोलर परियोजना पर काम होगा। 200 मेगावाट ग्रिड कनेक्टेड ग्राउंड माउंटेड सोलर पावर प्लांट के लिए 1250 करोड़ खर्च होगा। राज्य के शहरी व ग्रामीण निजी आवासीय 113 भवनों को चिह्नित किया गया है। इस पर 583 किलोवाट का सोलर पावर प्लांट लगाया गया है।
राज्य में अभी 13 पनबिजली घर है जिसकी उत्पादन क्षमता 54 मेगावाट है। गंडक, बूढ़ी गंडक, महानंदा नदियों पर जल विद्युत क्षमता की संभावना का सर्वेक्षण कराया गया है। बिहार देश का पहला राज्य है, जहां 19 किलोवाट तक के अपने सभी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्ताओं को डिजिटल माध्यम से सुविधा एप के तहत बिजली कनेक्शन दे रही है। अब 19 किलोवाट से अधिक के व्यवसायिक, औद्योगिक आदि सभी प्रकार के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए इस सुविधा को विस्तारित कर दिया गया है। स्कीम 1500 करोड़ की तुलना में 1586 करोड़ और स्थापना मद में 7060 करोड़ की तुलना में 9889 करोड़ आवंटित किया गया है।