एनआईए की पटना मॉड्यूल पर पहले से है नजर, जांच शुरू
आतंकी और देशविरोधी गतिविधियों की जांच के लिए विशेष तौर पर गठित राष्ट्रीय जांच एजेंसी फुलवारी से जुड़े जेहादी मॉड्यूल पर पहले से नजर बनाए हुए है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आतंकी और देशविरोधी गतिविधियों की जांच के लिए विशेष तौर पर गठित राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) फुलवारी से जुड़े जेहादी मॉड्यूल पर पहले से नजर बनाए हुए है। दोनों ही मामलों को लेकर एनआईए के अफसर, बिहार एटीएस और पटना पुलिस के लगातार संपर्क में हैं। रांची से एनआईए की विशेष टीम भी पटना आई थी। इसके अलावा पटना में मौजूद उसके अधिकारी भी केस के हर एक पहलू पर नजर बनाए हुए है।
एटीएस के साथ हुई थी बैठक
एनआईए काफी हद तक दोनों ही मामलों से अवगत है। पीएफआई और गजवा-ए-हिन्द के खुलासे के बाद एनआईए के अफसर बिहार पुलिस से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। बिहार एसटीएस के अधिकारियों के साथ उनकी बैठकें भी हुईं थीं, जिसमें केन्द्रीय खुफिया एजेंसियों के भी अफसर शामिल थे। बताया जाता है कि बैठक के दौरान न सिर्फ एनआईए के साथ दोनों ही मामलों में सामने आई जानकारियों को साझा किया गया बल्कि कई अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा हुई।
पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन का पटना कनेक्शन
पीएफआई और एसडीपीआई वाले मामले के तार कई राज्यों से जुड़े हैं। फुलवारीशरीफ में दी जानेवाली ट्रेनिंग के लिए कई राज्यों से पीएफआई के सक्रिय सदस्यों के आने की बात सामने आई है वहीं फंडिंग को लेकर भी इसके तार दूसरे राज्यों से जुड़े हैं। वहीं गजवा-ए-हिन्द मामले का लिंक कई देशों से जुड़ा है। दोनों वाट्सएप ग्रुप में पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन के काफी लोग जुड़े थे। भारत के खिलाफ जेहाद छेड़ने के लिए बनाए गए इन वाट्सएप ग्रुप में एक का एडमिन भी पाकिस्तानी मूल का फैजान है। बताया जाता है कि पीएफआई और गजवा-ए-हिन्द में शामिल संदिग्धों के देश के कई राज्यों और विदेशों से तार जुड़े होने के चलते ही मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई है।
कतर के अल्फाल्ही संगठन से जुड़े रहे हैं तार?
सूत्रों की मानें तो पटना के फुलवारी से देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर समेत अन्य संदिग्धों के तार कतर स्थित अल्फाल्ही संगठन से जुड़ने की बात सामने आई है। साथ ही फैजान नाम का एक पाकिस्तानी संदिग्ध पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक से नियमित संपर्क में था। फैजान से फुलवारी का संदिग्ध मरगूब अहमद दानिश उर्फ तारिक भी जुड़ा था।
पीएफआई के कितने केसों में की पैरवी
पूछताछ में वकील नुरुद्दीन जंगी से कई सवाल दागे गए। पूछा गया कि वह कब से पीएफआई से जुड़े थे। पीएफआई से उन्हें कौन जोड़ा। अबतक उनके द्वारा पीएफआई से जुड़े कितने सदस्यों की कोर्ट में पैरवी की गई। पैरवी के एवज में उन्हें कितने पैसे मिलते थे। वहीं रिटायर दारोगा के पीएफआई के संपर्क में आने के बाबत पूछताछ की गई।
फुलवारी से देश में हिंसा फैलाने की साजिश का मामला उजागर होने के बाद बिहार में छिपे स्लीपर सेल एसआईटी व जांच एजेंसियों के रडार पर आ गए हैं। ऐसे स्लीपर सेल जिनके तार पीएफआई व गजवा-ए-हिंद से जुड़े रहे हैं, उनकी तलाश शुरू कर दी गई है। इनमें कई ऐसे भी संदिग्ध हैं, जिनके नाम-पते मोबाइल नंबर पीएफआई की लाल डायरी व गजवा-ए-हिंद के नाम से बने दो व्टासएप ग्रुप में मिले हैं। वहीं, 48 घंटे की रिमांड पर लिए गए पीएफआई के दोनों संदिग्ध वकील नुरुद्दीन जंगी व झारखंड से रिटायर दारोगा मो. जलालुद्दीन से रविवार की शाम तक कुल पांच चक्र में पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान पुलिस व जांच एजेंसियों के जवाब देने में कई बार दोनों के पसीने छूटे। फिर भी दोनों से पुलिस व जांच एजेंसियों ने कई अहम जानकारियां हासिल की हैं, जिसके आधार पर स्लीपर सेल व फंडिंग करनेवालों पर देर सबेर शिकंजा कसा जाना तय माना जा रहा है।
फुलवारी के दोनों मामले में एनआईए ने जांच शुरू की
इधर, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने फुलवारीशरीफ के आतंकी मॉड्यूल की जांच शुरू कर दी है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के देश विरोधी मिशन-2047 और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए चलाए जा रहे गजवा-ए-हिन्द नाम से दो वाट्सएप ग्रुप को लेकर एनआईए ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। दोनों ही मामलों में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई है। एनआईए की ओर से रांची की टीम तहकीकात के लिए पटना पहुंची है। पटना पुलिस अब इस मामले की जांच नहीं करेगी।
पीएफआई और गजवा-ए-हिन्द से जुड़े मामलों में अब तक पांच गिरफ्तारी हुई है। सूत्रों के मुताबिक दोनों ही मामलों में एनआईए जल्द ही संदिग्धों को रिमांड पर ले सकती है। चूंकि केस अब उसके पास है, लिहाजा एनआईए की टीम संदिग्धों से पूछताछ कर साजिश के तह तक पहुंचने की कोशिश करेगी। इसके अलावा पटना पुलिस की जांच में अब तक जो तथ्य सामने आए हैं, उसे भी एनआईए को सौंपा जाएगा।