कला संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत

Update: 2023-03-01 07:13 GMT

गया न्यूज़: कला ज्योति संस्कारशाला की ओर से ‘गया को जानो’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें गया की छुपी हुई प्रतिभा धरोहर, कला, साहित्य, रंगमंच समाज, हिंदी, पत्रकारिता, चित्रकारी व नाट्य लेखन आदि बारे में विस्तार से चर्चा की गई.

बतौर मुख्य अतिथि सूचना जनसंपर्क के डिप्टी डायरेक्टर देव जी ने कहा कि आज के परिवेश में गया में इस तरह का गोष्टी का होना एक अपने आप में अद्भुत अहसास है. वरिष्ठ रंगकर्मी सुरेश्वर नाथ गुर्जर जी ने बताया कि गया तीर्थ यात्रियों की एक बहुत बड़ा स्थान है. यहां कला संस्कृति को बढ़ावा देकर एक बड़ा ही सुंदर और आर्थिक सशक्त जिला बनाया जा सकता है. मानपुर का वस्त्रत्त् उद्योग को बढ़ावा दिया जा सकता है. कार्यक्रम का संचालन करते हुए शम्भू सुमन ने बताया कि गया में रामशिला का स्फटिक शिवलिंग भारत में तीन शिवलिंग में से एक है. रामशिला में ही मूंगा का गणेश जी अवस्थित हैं. अनिल कुमार मिश्रा बताया कि वेद पुराण, इतिहास, साहित्य में गया की उपस्थिति गरिमामई रही है. आयोजन को आगे बढ़ाते हुए आगामी 26 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजन करने का निर्णय लिया गया. कार्यक्रम में शिवेशवर नाथ गुर्जर रंगकर्मी, श्याम भंडारी छाया पत्रकार, विवेक आनंद रंगकर्मी, शिवदत्त मौर्य अधिवक्ता, अनिल कुमार मिश्र लेखक रचनाकार, शत्रुघ्न दांगी इतिहासकार पत्रकार ,लालू गायब वादक, शिल्पी कुमारी रंगकर्मी, सत्यमेव जयते सिंह रंगकर्मी ,सुंदरम सिंह रंगकर्मी, शिवम सिंह रंगकर्मी, राजन आदि ने विचार रखं.

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