पटना न्यूज़: सुपौल जिले के परसरमा से अररिया तक 105.7 किलोमीटर लंबाई की नई फोरलेन सड़क बनेगी. इस सड़क (एनएच 327 ई) के एलाइनमेंट की मंजूरी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने दे दी है. इसको लेकर प्राधिकरण ने पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा है. साथ ही, एलाइनमेंट को स्वीकृत किये जाने की जानकारी भी दी है.
प्राधिकरण ने विभाग को लिखे पत्र में कहा है कि इस सड़क के निर्माण को लेकर भूमि अधिग्रहण शुरू कराएं. इसके लिए सुपौल जिले के सुपौल, किसनपुर, पिपरा और छातापुर प्रखंड तथा अररिया जिले के भरगामा, रानीगंज और अररिया प्रखंड के विभिन्न गांवों में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा. कुल 214 भूखंडों का अधिग्रहण इसके अंतर्गत किया जाएगा. इसको लेकर प्राधिकरण ने संबंधित जिलों को भी पत्र भेजकर भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई तेजी से कराने को कहा है. इसके बनने से सुपौल, मधेपुरा, अररिया, मधुबनी, दरभंगा एवं सहरसा जिले को काफी फायदा होगा. यह एनएच 327 से भी जुड़ती है जो बिहार के गलगलिया से पश्चिम बंगाल तक जाती है. इस नई फोरलेन सड़क के बनने से बिहार से पश्चिम बंगाल तक की यात्रा सुगम होगी.
महनार से बेगूसराय के बछवाड़ा तक 42 किमी सड़क तिगुनी चौड़ी होगी
महनार से बेगूसराय के बछवाड़ा तक 42 किमी सड़क तिगुनी से भी अधिक चौड़ी होगी. अभी यह मात्र तीन मीटर चौड़ी है, जिसे दस मीटर चौड़ा बनाया जाएगा. इसके चौड़ीकरण का काम शुरू करने का निर्देश चयनित एजेंसी को दे दिया गया है. विभिन्न कारणों से इसका निर्माण कार्य रुका हुआ था. 18 माह में यह काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. उक्त सड़क एनएच 122 बी का हिस्सा है, जो हाजीपुर के जढ़ुआ से बेगूसराय जिला स्थित बछवाड़ा तक जाती है. जढ़ुआ से महनार तक करीब 30 किलोमीटर लंबी सड़क चौड़ीकरण पर अभी स्वीकृति नहीं मिली है, जिसकी कवायद चल रही है. पहले चरण में महनार से बछवाड़ा तक के चौड़ीकरण की एजेंसी पहले से चयनित थी, पर वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की स्वीकृति को लेकर निर्माण शुरू नहीं हो रहा था. एनएच 122 बी के चौड़ीकरण कार्य में 2542 पेड़ काटे जाने हैं तथा 7600 पेड़ को कहीं और ले जाकर लगाना है. इसमें खर्च व वन विभाग की जमीन के एवज में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 15 करोड़ राशि जमा करने का निर्देश राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को दिया है.
सड़क के निर्माण से सीमांचल के विकास को नई दिशा मिलेगी. पूर्वोत्तर भारत से संपर्क का वैकल्पिक और बेहतर रास्ता उपलब्ध होगा. इस क्षेत्र के आर्थिक विकास में इस सड़क की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. उत्पाद को सहजता से बाजार उपलब्ध हो सकेगा. यही नहीं, चीन और म्यामांर से भी कनेक्टिविटी के लिए रास्ता मिलेगा. इस लिहाज से इसका सामरिक महत्व भी है.
-बिजेन्द्र प्रसाद यादव, योजना एवं विकास और उर्जा मंत्री