नालंदा: बीआरए बिहार विवि में अब सारे काम ऑनलाइन हो रहे हैं. लेकिन, पीजी विभागों में बने स्मार्ट क्लास ठप पड़े हुए हैं. विवि के पीजी विभागों में वर्ष 2015 में नैक मूल्यांकन के समय 15 लाख रुपये खर्च कर स्मार्ट क्लास बनाए गए थे. ये स्मार्ट क्लास मूल्यांकन तक ही सीमित रहे. इसके बाद इनमें पढ़ाई नहीं हुई.
विभागों में बने ये स्मार्ट क्लास काफी समय से बंद पड़े हैं. उन्हें फिर से शुरू करने की दिशा में इन वर्षों में कोई कदम नहीं उठाया गया. वहीं, बीआरएबीयू के डीएसडब्ल्यू प्रो. आलोक प्रताप सिंह ने बताया कि विवि के पीजी विभागों में जल्द ही स्मार्ट क्लासों को शुरू कराया जाएगा. इससे छात्रों को पढ़ाई में लाभ मिलेगा.
बिहार विवि के शिक्षकों ने बताया कि पीजी विभागों में स्मार्ट क्लास तो चालू किए गए, लेकिन उन्हें चलाने के लिए तकनीशियन नहीं दिए गए. तकनीशयन के नहीं रहने के कारण स्मार्ट क्लास नहीं चल सके. अब बिहार विवि के कई विभागों में स्मार्ट क्लास के नाम पर सिर्फ बोर्ड ही बचे हैं. इनमें कोई कक्षा नहीं चलती है.
स्मार्ट क्लास में छात्रों को प्रोजेक्टर और पीपीटी से पढ़ाया जाना था. इनके नहीं चलने से पीजी में छात्र पीपीटी बनाकर कोई प्रेजेंटेशन भी पेश नहीं कर पा रहे हैं. विवि के अलावा जिन कॉलेजों में भी स्मार्ट क्लास बने हैं, वहां भी इनका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. विवि सूत्रों ने बताया कि आगामी नैक मूल्यांकन को लेकर विवि में फिर से स्मार्ट क्लास को ठीक कर उसको चालू करने की तैयारी में है.
350 सहायक प्राध्यापक का प्रमोशन अटका: बीआरए बिहार विवि के 350 सहायक प्राध्यापकों का प्रमोशन अटक गया है. इन सहायक प्राध्यापकों के प्रमोशन की प्रक्रिया मई 2023 से चल रही, लेकिन अब तक इसका पत्र नहीं मिला है. बिहार विवि में कई विभागों में सहायक प्राध्यापक प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं.
इन सहायक प्राध्यापकों का कहना है कि दूसरे विश्वविद्यालयों में उनके साथ वाले शिक्षकों को प्रमोशन मिल भी गया, लेकिन वे अब तक इंतजार में ही हैं. बताया कि प्रमेाशन एक से तीन साल तक विलंब हो गया है. पिछले दिनों बिहार विवि शिक्षक संघ ने इसको लेकर कुलपति से भी मुलाकात की थी. उन्होंने जल्द प्रमोशन का आश्वासन दिया था. वहीं, बिहार विवि की रजिस्ट्रार डॉ. अपराजिता कृष्ण ने बताया कि सहायक प्राध्यापकों के प्रमोशन की प्रक्रिया चल रही है.
वहीं, प्रमेाशन के इंतजार में बैठे सहायक प्राध्यापकों ने बताया कि प्रमोशन में देरी से उनके कॅरियर पर असर पड़ता है. देर से प्रमोशन मिलने पर वह देर से प्रोफेसर बनेंगे जिससे वे कई अवसरों से चूक जाएंगे. उधर, विवि सूत्रों ने बताया कि सहायक प्राध्यापकों के प्रमोशन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुलाई जानी है. इसके लिए विवि की तरफ से सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भी जा रहा है.