मुजफ्फरपुर न्यूज़: मरीजों को इलाज की जरूरत और अलग-अलग इलाके में दवाओं की कितनी खपत होगी, इसके बारे में मेडिकल एसओएस मॉनिटरिंग एंड रिकॉर्डिंग सिस्टम बताएगा. जिले के 11वीं के छात्र मानस महेन्द्र का यह डिवाइस देश भर के बेहतर प्रोजेक्ट में से एक चुना गया है. जिले से ही एक और छात्र पुष्कल का गैस सेफ्टी सिस्टम भी बेहतर प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया है. नेशनल चिल्ड्रन इनोवेशन चैलेंज में इनका प्रोजेक्ट चुना गया है. 10 हजार से अधिक बच्चों के आए प्रोजेक्ट में से देशभर से 100 का चयन इसमें किया गया है.
मरीज के पहुंचने से पहले हो सकेगी इलाज की सही व्यवस्था
डिवाइस बनाने वाले मानस महेन्द्र ने बताया कि हॉस्पिटियलिटी मैनेजमेंट सिस्टम के तहत इसे बनाया है. यह मोबाइल से भी छोटा कार्डनुमा डिवाइस है, जिसे एम्बुलेंस से लेकर अस्पतालों में लगाया जा सकता है. एक्सीडेंट समेत अन्य तरह की परेशानियों में अस्पताल पहुंचने से पहले अस्पताल और डॉक्टर से संपर्क किया जा सकता है. मरीज को किस तरह के इलाज की जरूरत है, इसका पता चल जाने से इलाज की सही व्यवस्था पहले से हो पाएगी. मानस ने बताया कि मशीन लर्निंग एलगोरिथम्स के साथ बनाया गया है. छोटे स्तर पर इसका प्रयोग कर दिखाया गया है. हमने इसे किसी अस्पताल, एम्बुलेंस में लगाकर इसकी क्षमता दिखाने के लिए सरकार से अनुमति मांगी है. इसके जरिए दवाओं को खराब होने और फेंकने से भी बचाया जा सकेगा.
गैस लिकेज सेफ्टी सिस्टम दुर्घटनाओं से करेगा बचाव
कक्षा 9वीं के छात्र पुष्कल राज का बनाया गैस लिकेज सेफ्टी सिस्टम रसोईघर से लेकर अन्य जगहों पर होने वाली दुर्घटना से बचाव करेगा. पुष्कल ने बताया कि यह छोटा सा डिवाइस सेंसर के तौर पर काम करता है.