Muzaffarpur: मरीन ड्राइव में सोलर लाइट लगाने के तरीके में खामी नज़र आई

ऊपरी हिस्से में सोलर पैनल और नीचे लाइट है

Update: 2024-11-06 04:57 GMT

मुजफ्फरपुर: स्मार्ट सिटी के सिकंदरपुर लेक फ्रंट सौंदर्यीकरण के तहत मरीन ड्राइव में लगी सोलर लाइट की डिजाइन में खामी है. सोलर लाइट हॉरिजेंटल (आड़ा) है. ऊपरी हिस्से में सोलर पैनल और नीचे लाइट है. ऐसे में सोलर पैनल पर ज्यादा धूल जमेगी. चार्जिंग में भी कठिनाई होगी. ठीक से चार्ज नहीं होने पर पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाएगी.

विशेषज्ञों के मुताबिक सोलर लाइट वर्टिकल (खड़ा) होना चाहिए. उस पर धूल-गंदगी कम टिक पाती है. इससे चार्जिंग में दिक्कत नहीं होगी. साथ ही सोलर पैनल की सफाई या मेंटेनेंस में आसानी होगी. हॉरिजेंटल होने से लाइट की क्षमता व गुणवत्ता पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. लेक एक एरिया में साइकिल ट्रैक व पाथवे का काम पूरा होने के बाद सोलर लाइट लगाई जा रही है. इसकी शुरुआत कर्बला के पास स्टेडियम रोड से हुई है. सड़क के दोनों तरफ पाथवे व साइकिल ट्रैक से सटे हिस्से में सोलर लाइट के पोल लगाए जा रहे हैं.

एक करोड़ की लागत से लगेगी 400 से अधिक लाइट मरीन ड्राइव इलाके में 400 से अधिक सोलर लाइट लगाई जाएगी. इस पर एक करोड़ से ज्यादा खर्च होंगे. प्रोजेक्ट से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक एक लाइट के इंस्टॉलेशन पर लागत 25 हजार से अधिक है. सभी पोल में दोनों तरफ दो-दो लाइट लगी है. इससे पाथवे और साइकिल ट्रैक के साथ ही मेन रोड व उससे सटा एरिया भी रोशन रहेगा.

लेक दो व तीन में निर्माण धीमा डेढ़ साल की हो चुकी है देरी: सौंदर्यीकरण को लेकर सिकंदरपुर मन को तीन भागों में बांटकर काम किया जा रहा है. इनमें लेक एक में अधिकतर निर्माण हो चुके हैं. लेक दो व तीन में निर्माण कार्य धीमा है. मिट्टी भराई व उसे बांधने का काम भी पूरा नहीं हो सका है.

सुस्त निर्माण के कारण योजना में करीब डेढ़ साल की देरी हो चुकी है. डीएम के स्तर पर हुई समीक्षा के बाद बीते अगस्त में सुस्त निर्माण को लेकर स्मार्ट सिटी ने निर्माण एजेंसी पर 25 लाख जुर्माना भी लगाया था.

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