Munger: मकान की खरीद-बिक्री की ई-निबंधन की नई व्यवस्था लागू
"लोगों को मिली राहत"
मुंगेर: निबंधन कार्यालय में जमीन एवं मकान की खरीद-बिक्री की ई-निबंधन की नई व्यवस्था लागू होने से क्रेता एवं विक्रेता को सहूलियत हो रही है. विवाह निबंधन भी अब ऑनलाइन कराये जा रहे हैं. मुंगेर में ई-निबंधन की प्रक्रिया शुरू की गई है. 593 जमीन दस्तावेजों की ऑनलाइन रजिस्ट्री हुई है. ऑनलाइन रजिस्ट्री की नई व्यवस्था लागू होने से जमीन की खरीद-बिक्री करने वालों को अब कार्यालय का चक्कर नहीं लगाना होगा.
लोग जमीन से संबंधित सभी कागजात विभाग के सॉफ्टवेयर पोर्टल पर घर से ही अपलोड कर रजिस्ट्री के लिए सुविधानुसार तिथि ले सकेंगे. सॉफ्टवेयर पर ही रजिस्ट्री शुल्क की जानकारी मिल जाएगी. इसके बाद निर्धारित तिथि पर क्रेता एवं विक्रेता को फोटो, फिंगर प्रिंट एवं एकरारनामा के लिए एक बार ही निबंधन कार्यालय जाना होगा.
विवाह निबंधन भी शुरू: जमीन-मकान की खरीद-बिक्री के लिए जिस तरह ई-निबंधन की नई व्यवस्था शुरू की गई है,उसी तरह विवाह निबंधन भी शुरू हो गया है. से 51 जोड़ों ने विवाह का ई-निबंधन कराया है. मालूम हो कि ऑनलाइन कार्य नहीं होने के कारण लोगों को काफी इंतजार भी करना पड़ रहा था. साथ ही पैसे भी काफी खर्च करनी पड़ रही थी, लेकिन अब लोगों को राहत मिल सकेगी.
समय की होगी बचत, आसान होगी रजिस्ट्री: ई-निबंधन प्रक्रिया से क्रेता और विक्रेता को समय की बचत होगी. दस्तावेज एवं चालान जमा करने के लिए कार्यालय में इंतजार नहीं करना होगा. ऑनलाइन जमाकर अपना स्लॉट बुक कराकर रजिस्ट्री की तारीख ले सकते हैं. निर्धारित तारीख पर क्रेता एवं विक्रेता निबंधन कार्यालय पहुंचकर चालान दिखाएंगे. इसके बाद सारे कागजातों का सत्यापन किया जाएगा. सबकुछ सही पाए जाने पर रजिस्ट्री हो जाएगी एवं उसी दिन रजिस्ट्री का कागज भी मिल जाएगा.
कार्यालय का नहीं लगाना होगा चक्कर: हरिणमार से जमीन की खरीद-बिक्री करने आए गुड्डू कुमार एवं उपेन्द्र पटेल ने बताया की पहले की तुलना में ई-निबंधन की नई प्रकिया सरल एवं सुविधाजनक है. साथ ही समय की भी बचत होती है. इस प्रक्रिया से जमीन की खरीद-बिक्री करने के सिलसिले में बार-बार कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ती है.
ई-निबंधन के तहत प्रस्तुत दस्तावेज पर क्रेता और विक्रेता दोनों के आधार नंबर के साथ ही आधार कार्ड पर अंकित उनकी तस्वीर प्रकाशित होगी. उसी पन्ने पर कार्यालय में खींची गई तस्वीर का प्रकाशन होगा. सत्यापन के समय आधार कार्ड पर छपी तस्वीर और कार्यालय में ली गई तस्वीर का मिलान किया जाएगा. सही पाए जाने पर ही ई-निबंधन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. यदि आधार कार्ड संख्या एवं तस्वीर में अंतर आता है तो निबंधन रोक दिया जाएगा. इससे फर्जी रजिस्ट्री पर रोक लगेगी.