घर-अपार्टमेंट में पानी की बर्बादी रोकने में मदद करेगा नगर निगम
तीन तालाबों के जीर्णोद्धार पर चार करोड़ होंगे खर्च
पटना: घर, मकान, अपार्टमेंट, सरकारी संस्थान और गैर सरकारी संस्थानों में पेयजल की बबार्दी रोकने में नगर निगम तकनीकी मदद करेगा. जल-जीवन-हरियाली के तहत विशेषज्ञों की मदद से एक वार्ड में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा. जो लोग अपने घर में जल संरक्षण के लिए प्रयास करेंगे, निगम उनकी मदद करेगा.
निगम क्षेत्र में अभी 187341 जल उपभोक्ता हैं. ये सभी पाइपलाइन से जलापूर्ति का लाभ ले रहे हैं. इसके अलावा बाकी के लोग निजी बोरिंग पर निर्भर हैं. भूमिगत जल का दोहन लगातार बढ़ता जा रहा है. निगम बोर्ड की बैठक में पार्षदों ने भी जल सरंक्षण के लिए पहल करने की बात उठाई है. वार्ड-34 के पार्षद कुमार संजीत ने बोर्ड बैठक में यह मांग की है कि नगर निगम जल सरंक्षण के लिए एक प्रस्ताव लेकर आए. इसमें विशेषज्ञ एजेंसी को नगर निगम टेंडर के जरिए चयन करे ताकि जो लोग जल सरंक्षण करना चाहते हैं, उन्हें आसानी से एक विकल्प मिल सके. हमारे वार्ड में बहुत सारे लोग जल सरंक्षण करना चाहते हैं. पटना शहर का लगातार भूमिगत जल स्तर घट रहा है.
तीन तालाबों के जीर्णोद्धार पर चार करोड़ होंगे खर्च
नगर निगम 15वें वित्त आयोग की राशि से जल सरंक्षण के लिए तीन तालाबों का जीणोद्धार करेगा. इस पर करीब चार करोड़ 32 लाख 70 हजार 613 रुपये खर्च होंगे. जिस प्रकार शहर की आबादी बढ़ रही है, उसके लिए पेयजल की उपलब्धता पर भविष्य में कोई संकट नहीं आए, इसके लिए निगम क्षेत्र में स्थित तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. जिन तालाबों का चयन किया गया है उनमें अजीमाबाद अंचल में वार्ड 56 में एक करोड़ 47 लाख 8 हजार 150 रुपये खर्च होंगे. वार्ड-30 में राजेन्द्र कृषि कॉलेज तालाब के जीर्णोद्धार पर एक करोड़ 97 लाख 71 हजार 163 रुपये खर्च होंगे. वार्ड 55 के कुम्हरार में 87 लाख 91 हजार 300 रुपये खर्च होंगे.